

कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रधान सलाहकार और पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में की गई कटौती को सैद्धांतिक रूप से एक अच्छा कदम बताया है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने राज्यों के राजस्व पर गंभीर असर की चेतावनी भी दी है।
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए मित्रा ने कहा कि यदि राज्यों को हुए राजस्व घाटे की पूरी भरपाई नहीं की जाती, तो यह संघवाद का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा बताया गया 48,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्रभाव दरअसल एक 'नुकसान' है, और असल नुकसान इससे कहीं ज्यादा — 1 लाख करोड़ से अधिक हो सकता है।
मित्रा ने यह भी कहा कि एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी को निष्क्रिय कर दिया गया है, जिससे संदेह पैदा होता है कि कर में कटौती का लाभ साधारण उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा भी या नहीं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा, एक ओर प्रधानमंत्री इसे संघवाद कहते हैं, और दूसरी ओर राज्यों से बिना परामर्श लिए जीएसटी सुधार लागू कर देते हैं। वाजिब हिस्सा मिल सके।
मित्रा ने बताया कि 11 राज्यों के मंत्रियों, जिनमें पूर्वोत्तर और भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं, ने जीएसटी काउंसिल में मुआवज़े की मांग की थी, लेकिन उनकी बातों को दबाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स की जगह सेस बढ़ाकर राज्यों को उनके 41 प्रतिशत हिस्से से वंचित कर रही है। मित्रा ने सुझाव दिया कि तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी 60-70% तक बढ़ाया जाए और फ्यूल सेस को टैक्स में बदला जाए, ताकि राज्यों को उनका