कोलकाता : दुर्गा पूजा में सरकारी अनुदान दिए जाने को लेकर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टी एस शिवंगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्या के डिविजन बेंच में एक पीआईएल दायर की गई है। इसमें अनुरोध किया गया है कि इस बाबत पूर्व में दायर पीआईएल के साथ इसे टैग किया जाए। इसमें सवाल उठाया गया है कि एक धार्मिक कार्यक्रम के लिए सरकारी कोष से कैसे आर्थिक मदद दी जा सकती है। एडवोकेट मो.शमीम ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सौरभ दत्त ने यह पीआईएल दायर की है। इसमें कहा गया है कि इस साल सरकार क्लबों को 85 हजार रुपए देगी जो कि पिछले साल के मुकाबले 15 हजार ज्यादा है। एडवोेकट शमीम ने बताया कि इस बाबत पूर्व में दायर पीआईएल पर सुनवायी के बाद चीफ जस्टिस के बेंच ने विंदुवार आदेश दिया था। इसमें कहा गया था कि क्लबों के इस मद में मिलने वाली रकम का पूरा हिसाब सीएजी को देना पड़ेगा और सीएजी इस बाबत एक रिपोर्ट फाइल करेगा। एडवोेकट शमीम ने कहा कि सीएजी की तरफ से दाखिल रिपोर्ट में कहा गया है कि क्लबों ने हिसाब नहीं दिया है। राज्य सरकार को भी एफिडेविट दाखिल कर के रिपोर्ट देने को कहा गया था पर रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है। एडवोकेट शमीम ने कहा कि राज्य सरकार हर साल एक मोटो तय कर देती है और उसी के नाम पर अनुदान दिया जाता है। जैसे कोविड के दौर में मास्क आदि और इसके बाद सेफ ड्राइव सेफ लाइफ मोटो जैसे मोटो रहे हैं। इसमें कहा गया है कि हर साल क्लबों की संख्या और अनुदान की रकम बढ़ती जा रही है पर कोर्ट के आदेश पर अमल नहीं हो रहा है।