आपकी त्वचा और स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है रोजाना इतने गिलास पानी

आपकी त्वचा और स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है रोजाना इतने गिलास पानी
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कोलकाता : आमतौर पर चिकित्सक हमें यही सलाह देते हैं कि हमें कम से कम 8-10 गिलास पानी रोजाना पीना चाहिए। सिर्फ डॉक्टर ही नहीं बल्कि सौंदर्य विशेषज्ञ तथा त्वचा विशेषज्ञ भी यही मानते हैं क्योंकि ज्यादा पानी पीने से हमारे शरीर में से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और त्वचा शुद्ध होती है परंतु आहार विशेषज्ञों का मानना है कि पानी की मात्रा हमें अपने शरीर की प्रकृति के अनुसार तय करनी चाहिए। साथ ही हमारे आसपास का तापमान, काम का स्तर और हम किस प्रकार का भोजन ग्रहण करते हैं, यह भी पानी की मात्रा पर असर डालता है।

मनुष्य की प्रकृति तीन प्रकार की होती है- वात (हवा), पित्त (अग्नि), कफ (पानी) इत्यादि। वात और पित्त प्रकृति के व्यक्तियों को पानी की अधिक जरूरत होती है जबकि कफ प्रकृति के लोग कम पानी पीकर भी आसानी से जीवन व्यतीत कर सकते हैं। अब सवाल यह उठता है कि हम अपनी प्रकृति के बारे में कैसे जानें। आहार विशेषज्ञों के मुताबिक वात प्रकृति के व्यक्ति या तो बहुत लम्बे होते हैं या बहुत छोटे कद के, परंतु वे आमतौर पर पतले होते हैं। उनके शरीर के जोड़ थोड़ा फैलाव लिए होते हैं और त्वचा रूखी व खुरदुरी होती है। पित्त प्रकृति वाले व्यक्तियों का रंग साफ होता है उनका शरीर खेलने-कूदने के काबिल होता है और उनके सिर पर बाल काफी कम होते हैं या वे गंजे होते हैं। कफ प्रकृति रखने वाले व्यक्तियों का शरीर गठीला होता है, कद मध्यम होता है, त्वचा खूबसूरत व मांसपेशियां मजबूत होती हैं। उनकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली काफी मजबूत होती है। जो व्यक्ति आरामदेह वातावरण में, ऑफिस के केेबिन में बैठकर काम करते हैं तथा जिन्हें पसीना नहीं आता, ऐसे व्यक्तियों को प्रतिदिन सात-आठ गिलास पानी का सेवन करना चाहिए। हां, यदि वे कभी गर्म वातावरण में काम करें और उन्हें पसीना आए तो उन्हें पानी की मात्रा बढ़ा देना चाहिए। आमतौर पर कफ प्रकृति के व्यक्तियों को पसीना नहीं आता, इसलिए उन्हें पानी की कम जरूरत पड़ती है, परंतु पित्त व वात प्रकृति के व्यक्तियों की त्वचा अत्यधिक सूखापन लिए होती है, सो उन्हें पानी की ज्यादा आवश्यकता होती है।

आहार विशेषज्ञों ने बताया कि

आहार विशेषज्ञों का मानना है कि पानी हमें केवल हाइड्रोजन व ऑक्सीजन ही प्रदान नहीं करता बल्कि कई प्रकार के खनिज भी देता है जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। यदि हम खनिजरहित पानी का सेवन करते हैं तो हम बीमार भी पड़ सकते हैं। हमें उच्च रक्तचाप की शिकायत हो सकती है। इसके अलावा कई अन्य समस्याएं भी हमें घेर सकती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हमारा पीने का पानी खनिज युक्त हो, जिसमें मैग्नीशियम व क्रोमियम इत्यादि हों। पानी हमें ऊर्जा प्रदान करता है व इसमें घुलनशील तत्वों की भरमार होती है जिससे हमारा भोजन पचने में मदद होती है। यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है तो इससे कई प्रकार के रोगों का इलाज भी किया जाता है। त्वचा संबंधी कई समस्याओं का इलाज पानी द्वारा किया जा सकता है क्योंकि इसमें त्वचा को लचीलापन प्रदान करने वाले खनिज पदार्थ सम्मिलित होते हैं। संक्षेप में, पानी उत्साहवर्द्धक है और हमें हमारे शरीर की प्रकृति के मुताबिक पानी की पर्याप्त मात्रा का सेवन अवश्य करना चाहिए।

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