

कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आश्वासन और राज्य सरकार के विस्तृत स्पष्टीकरण अभियान का प्रभाव अब स्पष्ट दिख रहा है। वक्फ संपत्तियों को केंद्र के नये पोर्टल पर दर्ज कराने को लेकर शुरू में आम लोगों के बीच संदेह और भ्रम था, लेकिन सरकार की सक्रिय पहल के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोग तेजी से नये पोर्टल पर अपनी संपत्तियों का विवरण अपलोड कर रहे हैं।
राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के विभाग के अनुसार, नदिया जिले में अब तक लगभग 90%, मुर्शिदाबाद में 72% जबकि मलदा और हावड़ा में 40% वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण पूरा हो चुका है। बाकी जिलों में भी तेज गति से डेटा एंट्री और सत्यापन का कार्य चल रहा है। राज्य सरकार ने जिला और ब्लॉक स्तर पर अतिरिक्त सुविधा केंद्र स्थापित किए हैं, ताकि मुतवल्लियों और संपत्ति धारकों को किसी प्रकार की बाधा का सामना न करना पड़े।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार छह महीने के भीतर पूरी प्रक्रिया पूरा करने का आदेश है। हालांकि, जिस तीव्रता से राज्य में काम आगे बढ़ रहा है, उससे स्पष्ट है कि निर्धारित समयसीमा से पहले ही पूरा डिजिटल पंजीकरण संपन्न हो जाएगा। इसी सिलसिले में नवान्न की ओर से भी सभी जिलाधिकारियों, वक्फ बोर्ड और संबंधित विभागों को विशेष निर्देशिका जारी की गई है।
इसमें कहा गया है कि डेटा अपलोड की प्रक्रिया को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और आवश्यकता पड़ने पर जिलों में अतिरिक्त मैन पावर और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाए। राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें, क्योंकि वक्फ संपत्तियों से जुड़ी सभी गतिविधियाँ पूरी तरह पारदर्शी, सुरक्षित और राज्य प्रशासन की निगरानी में संचालित हो रही हैं।