

गांधीनगर : गुजरात के गांधीनगर में देश की सबसे बड़ी डिजिटल गिरफ्तारी का मामला सामने आया है। जालसाज गिरोह के लोगों ने यहां की एक सीनियर महिला डॉक्टर को एफईएमए (विदेशी मुद्रा प्रबंधन) के तहत उनपर मामला होने का भय दिखाकर करोड़ों रुपए वसूल लिए। इस महिला डॉक्टर ने पैसे चुकाने के लिए गोल्ड लोन तक ले लिया। तीन महीने तक डिजिटल बंधक रही इस चिकित्सक को जब सच्चाई का पता चला तब तक साइबर ठगों ने 19.24 करोड़ रुपए वसूल लिए थे। चिकित्सक द्वारा साइबर थाने में इसकी शिकायत करने के बाद पुलिस ने सूरत से लालजीभाई बलदानिया नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। इस हेराफेरी के दौरान बलदानिया के खाते में भी एक करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे। पुलिस ने अलग-अलग अधिकारी बनकर धमकाने वाले 5 लोगों और पैसे जमा कराने वाले 35 बैंक खाताधारकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
इस तरह हुआ शक : जालसाजों ने डॉक्टर से कहा था कि हमें सरकारी बैंक खाते में ये पैसे जमा करवा रहे है। बाद में आपको पैसे वापस मिल जाएंगे। जालसाजों ने महिला से अलग-अलग 35 बैंक खातों में पैसे जमा करवाए। 35 बैंक खातों में पैसे जमा करवाए अचानक महिला डॉक्टर को वीडियो कॉल या किसी भी तरह के कॉल आने बंद हो गए। इसके बाद शक हुआ और परिवार से बात करने पर पता चला कि यह डिजिटल गिरफ्तारी करके साइबर ठगी की गई है। महिला के परिवार में उनकी की दो बेटियां हैं और दोनों ही विदेश में रहती हैं।
ऐसे शुरू हुआ ठगी का सिलसिला : ठगी का यह सिलसिला 15 मार्च, 2025 से शुरू हुआ। महिला डॉक्टर को उस दिन दूरसंचार विभाग से ज्योति विश्वनाथ नाम के एक व्यक्ति का फोन आया था। उसके बाद, महिला को एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक सरकारी वकील समेत कई नामों से कॉल आए। कॉल में महिला को बताया गया कि आपके सभी मोबाइल फोन बंद हो जाएंगे, क्योंकि आपके फोन से कई लोगों को बार-बार अपमानजनक संदेश भेजे जा रहे हैं। इसके लिए आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज करानी होगी। कॉल में महिला को बताया गया कि आपके सभी मोबाइल फोन बंद हो जाएंगे, क्योंकि आपके फोन से कई लोगों को बार-बार अपमानजनक संदेश भेजे जा रहे हैं। इसके लिए आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज करानी होगी। इसके बाद महिला को धमकी भरे कई लेटर्स भी मिले। वे फोन कर उन्हें डराते थे कि सादे कपड़ों में पुलिसवाले उनके घर के आस-पास घूम रहे हैं। अगर जेल जाने से बचना है तो सारी सम्पत्ति की जानकारी देनी होगी। इस तरह उन्होंने महिला से उनकी पूरी सम्पत्ति का ब्यौरा हासिल कर लिया। इसके बाद मामला सैटल करने का कहकर उनसे पैसे ऐंठने शुरू कर दिए।