
कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर सोमवार से राज्य के विभिन्न जिलों में दीघा जगन्नाथ मंदिर के महाप्रसाद वितरण की तैयारी जोर शोर से शुरू हो गई। इस दिन प्रभु जगन्नाथ को 300 किलो खोया-खीर अर्पित किया गया, जिसे बाद में गाजा और पेड़ा बनाने के लिए राज्यभर में भेजा गया।
30 महिलाएं 10-10 किलो खोया सिर पर लेकर मंदिर पहुंचीं
इस दिन सुबह 10 बजे दीघा के जगन्नाथ मंदिर प्रांगण में विशेष धार्मिक उत्साह देखने को मिला। लाल पाढ़ वाली सफेद साड़ी में 30 महिलाएं 10-10 किलो खोया सिर पर लेकर मंदिर पहुंचीं। पूरे परिसर में खोल-करताल के साथ भजन-कीर्तन गूंजने लगे। इस मौके पर पूर्व मेदिनीपुर के जिलाधिकारी पूर्णेंदु माझी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। भगवान जगन्नाथ को खोया अर्पण करने के बाद मां विमला के चरणों में यह सामग्री समर्पित की गई और जिलों व ब्लॉकों के प्रतिनिधियों को सौंप दी गई। पूर्व मेदिनीपुर के 25 ब्लॉक और सभी नगरपालिका क्षेत्रों से आये प्रतिनिधि महाप्रसाद लेकर गए। जिला प्रशासन ने पहले ही हर ब्लॉक में मिठाई बनाने के लिए मिठाई कारीगरों की सूची तैयार करवा दी है। इस्कॉन के सौ से अधिक संन्यासी भी विशेष आयोजन के लिए दीघा पहुंचे हैं।
घर-घर प्रसाद पहुंचाने का संकल्प अध्यात्म और संस्कृति का सुंदर संगम
इस दिन कोलकाता इस्कॉन के उपाध्यक्ष और मंदिर ट्रस्ट के सदस्य राधारमण दास ने कहा, हमने प्रभु जगन्नाथ देव को तीन सौ किलोग्राम खीर का भोग लगाया। खीर को उसी दिन विभिन्न जिलों और ब्लॉकों में वितरित किया गया। जगन्नाथ देव का प्रसाद पाने के लिए मंदिर में पहले से ही काफी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा, मुख्यमंत्री का घर-घर प्रसाद पहुंचाने का संकल्प अध्यात्म और संस्कृति का सुंदर संगम है। उल्लेखनीय है कि बुधवार को प्रभु जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की 'स्नान यात्रा' धूमधाम से आयोजित होगी। पीतल के कलश से देवताओं को स्नान कराया जाएगा। इसके बाद मंदिर के दर्शन 15 दिनों के लिए बंद रहेंगे। 26 जून को 'नेत्र उत्सव' और 27 जून को जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलेगी, जिसमें वे ‘मासीबाड़ी’ तक जाएंगे। रथ यात्रा को लेकर जिला प्रशासन की बैठक अब गुरुवार को होगी।