

कोलकाता: आगामी 27 जून को होने वाली रथ यात्रा से पहले, बुधवार को दीघा जगन्नाथ मंदिर में ‘स्नान यात्रा’ या पवित्र स्नान अनुष्ठान मनाया गया। इस दिन सुबह भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियों को 108 प्रकार के जल से स्नान कराया गया। उन्हें ‘गजवेश’ नामक एक विशेष तरीके से वस्त्र पहनाए गए और छप्पन भोग अर्पित किया गया। रथ यात्रा 2025 पश्चिम बंगाल के लिए विशेष है क्योंकि अप्रैल में दीघा धाम के उद्घाटन के बाद यह पहली रथयात्रा है।
भगवान जगन्नाथ की 'स्नान यात्रा' 108 तीर्थ स्थलों से एकत्रित जल से की गई
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंदिर का उद्घाटन 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर किया था। इस बीच पता चला है कि मुख्यमंत्री ममता ने कोलकाता में अपने कालीघाट स्थित आवास के बगीचे से कटहल और आम 'स्नान यात्रा' उत्सव के लिए भेंट के रूप में भेजे हैं। ये फल बुधवार की सुबह ही दीघा जगन्नाथ मंदिर पहुंच गए। दीघा जगन्नाथ मंदिर के प्रभारी, इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने बताया, मुख्यमंत्री द्वारा भेजे गए फलों को भगवान जगन्नाथ को स्नान के बाद 56 भोग के साथ परोसा गया। बता दें कि दीघा जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ की 'स्नान यात्रा' 108 तीर्थ स्थलों से एकत्रित जल से की गई। 108 प्रकार के जल के साथ-साथ मूर्तियों को चंदन के लेप, फलों के रस और पंचामृत से भी स्नान कराया जाता है, जो हिंदू धर्म में एक पवित्र पेय है, जिसे आम तौर पर पाँच सामग्रियों के मिश्रण से बनाया जाता है। पवित्र स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा को 'गजवेश' नामक विशेष पोशाक पहनाई गई। इसके बाद इन तीनों देवों के दर्शन दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक आगंतुकों के लिए उपलब्ध रहे। रथ यात्रा की तैयारियों के तहत दीघा के जगन्नाथ धाम मंदिर के गर्भगृह के दरवाजे 11 जून के बाद दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेंगे। ओडिशा, पश्चिम बंगाल और भारत के अन्य हिस्सों में 27 जून को रथ यात्रा मनाई जाएगी। रथ यात्रा से एक दिन पहले 26 जून को मंदिर के दरवाजे आम लोगों के लिए फिर से खुलेंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दीघा में जगन्नाथ मंदिर से शुरू होने वाली रथ यात्रा समारोह में शामिल होने की उम्मीद है। इस संबंध में आज गुरुवार को नवान्न में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलायी गयी है।