

ईटानगर : दिबांग घाटी जिला प्रशासन के कर्मचारियों और स्थानीय समुदाय के सदस्यों सहित 17 लोगों की एक टीम गत 1 जून को गांव को जोड़ने वाले लटकते पुल के बह जाने के बाद मावली गांव में फंसे एक परिवार को राहत सामग्री और आवश्यक दवाइयां प्रदान करने के बाद शनिवार को अथुनली गांव लौट आयी।
रिपोर्ट के अनुसार ड्रोन के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाने के पिछले प्रयास विफल हो गये क्योंकि डीडीएमए और भारतीय सेना के दो ड्रोन कुछ किलो चावल और फास्ट फूड पहुंचाने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गये। इसके बाद डीडीएमए ने इस टीम का गठन पैदल राहत सामग्री पहुंचाने के लिए किया। गत 5 जून को टीम लगभग 200 किलोग्राम राशन, दवाइयां और अन्य आवश्यक वस्तुओं को लेकर सुबह 7 बजे अथुनली गांव से निकली और 10 घंटे से अधिक की चढ़ाई के बाद शाम 5:30 बजे मावली गांव पहुंची। टीम को संकरी और खड़ी पगडंडियों से निपटना पड़ा, नदियों को पार करने के लिए मौके पर लकड़ियों से पुल बनाना पड़ा और कुछ जगहों पर पानी से होकर भी गुजरना पड़ा।
इस बीच अथुनली के ग्रामीणों ने भारतीय सेना, बीआरओ, स्थानीय पुलिस और एसजेवीएन लिमिटेड की मदद से पुराने पुल के किनारे रोपवे का निर्माण किया और 6 जून को दोपहर 2:30 बजे तक 17 लोगों की पूरी टीम केबल रोपवे के जरिये अथुनली गांव की ओर रवाना हो गयी। मावली में रहने वाले परिवार के पास दो महीने के लिए पर्याप्त राशन है और हैंगिंग ब्रिज की आंशिक मरम्मत के बाद अब राशन की आपूर्ति भी सुचारू हो गयी है। पुल के पूरे निर्माण में एक महीने का समय लगने की संभावना है।उपायुक्त ने टीम को उनके निस्वार्थ कार्य और संकट के समय जिला प्रशासन की सहायता करने के लिए सम्मानित करने की घोषणा की है।