धराली हादसा : सेना के 11 जवानों सहित 100 से ज्यादा लोग अब भी लापता

मृतकों की संख्या 5 हुई, केरल के 28 पर्यटकों का पता नहीं, 400 से ज्यादा बचाये गये
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बचाव अभियान जारी
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नयी दिल्ली : उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को बादल फटने से प्रभावित इलाकों धराली, हर्षिल और सुक्खी टॉप में तलाश अभियान जारी है। कुदरत के इस कहर में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 100 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। केरल के 28 पर्यटक भी दल धराली हादसे के बाद से लापता बताये जाते हैं।

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पीएम ने सीएम से फोन पर बात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की। इसके बाद धामी ने धराली और दूसरी जगहों का हवाई सर्वे किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ बचाव अभियान को लेकर बैठक भी की।केरल के 28 पर्यटकों के दल का इस हादसे के बाद से पता नहीं है। परिवार के सदस्यों ने कहा कि एक दिन पहले सभी ने गंगोत्तरी की यात्रा पर जाने की बात कही थी लेकिन बाढ़ और भूस्खलन के बाद से उनसे कोई संपर्क नहीं हो सका है। गंगोत्तरी तीर्थयात्रियों के प्रमुख पड़ाव धराली गांव के बाजार, मकान, होटल बह गये खीर गंगा (खीर गाड़) में पहाड़ों से बहकर आये मलबे से बहे, मात्र 34 सेकेंड में यह बर्बादी हुई।

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मलबे के बीच फंसे लोगों की तलाश

10 साल में तीसरी बार तबाह हुआ धराली

गौरतलब है कि धराली हिमालय की दरार पर बसा है और 10 साल में तीसरी बार तबाह हुआ है। धराली गांव में 1864, 2013 और 2014 में भी पहाड़ पर बादल फटे थे। इससे खीर गाड़ ने तबाही मचाई। भूगर्भविज्ञानियों ने तीनों ही आपदाओं के बाद धराली गांव को कहीं और बसाने की सलाह राज्य सरकार को दी थी। यह भी बताया कि आपदा के लिहाज से धराली टाइम बम पर बैठा है, लेकिन इसे हटाया नहीं गया।

धराली ट्रांस हिमालय में मौजूद मेन सेंट्रल थर्स्ट में

वरिष्ठ भूगर्भविज्ञानी प्रो. एसपी सती बताते हैं कि धराली ट्रांस हिमालय (4 हजार मीटर से ऊपर) में मौजूद मेन सेंट्रल थर्स्ट में है। यह भूकंप का अति संवेदनशील जोन भी है। जिस पहाड़ से खीर गाड़ आती है, वह 6 हजार मीटर ऊंचा है, जब भी वहां से सैलाब आता है, धराली को तहस-नहस कर देता है। करीब 6 महीने पहले पहाड़ी का एक हिस्सा टूटकर खीर गाड़ में गिर रहा था लेकिन यह अटक गया। संभवत: इस बार वही हिस्सा टूटकर नीचे आया है।

अब पौड़ी जिले में फटा बादल, दो महिलाएं मलबे में दबीं, 5 मजदूर बहे

उत्तराखंड में आपदा की दोहरी मार पड़ी है। उत्तरकाशी के बाद अब पौड़ी जिले के थलीसैण विकास खंड के ग्राम सारसों चौथान में बादल फटने की घटना हुई है। सड़क किनारे नेपाली मजदूरों के टेंट पर बादल फटने से 3-4 मजदूर मलबे में दब गये जिन्हें ग्रामीणों ने बचा लिया। कुछ लोगों को गंभीर चोटें आयी हैं। यहां बुरांसी गांव में बादल फटने जानमाल का नुकसान हुआ है। आवासीय भवन जमींदोज होने से दो महिलाएं मलबे में दबीं। एक का शव बरामद, दूसरी की खोजबीन की जा रही है। इसी जिले के जिलाधिकारी ने बाकुंडा गांव में 5 नेपाली मजदूरों के बहने की सूचना की पुष्टि की है। बचाव कार्य अब भी जारी है।

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