धनखड़ ने क्यों दिया इस्तीफा, संसद के गलियारे में लगती रहीं अटकलें!

धनखड़ का इस्तीफा मंजूर, अधिसूचना जारी,राजग सांसदों ने ओढ़ी चुप्पी, विपक्षी सांसद दिखे ‘दुखी और स्तब्ध’
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नयी दिल्ली : केंद्र ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को अधिसूचित कर दिया। एक दिन पहले धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने की जानकारी दी थी। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन द्वारा हस्ताक्षरित एक राजपत्र अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने धनखड़ के इस्तीफे के पत्र को सार्वजनिक किया, जिसे उन्होंने सोमवार शाम जारी किया था। संसद भवन के गलियारों कैंटीन और सभाकक्षों में केवल और केवल जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की चर्चा रही। जहां भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सांसद इस मामले पर एक शब्द भी बोलने को तैयार नहीं थे वहीं विपक्षी सांसद, विशेषकर राज्यसभा के जिनको हमेशा सभापति से पक्षपात की शिकायत रहती थी, इस्तीफे को लेकर बहुत दुखी और स्तब्ध दिखे।

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पीएम ने एक पंक्ति में दी प्रतिक्रिया

इससे पहले राज्यसभा में गृह मंत्रालय की अधिसूचना के बारे में जानकारी दी गयी। प्रश्नकाल के लिए उच्च सदन की बैठक दोपहर बारह बजे जब शुरू हुई तो पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने सदन को सूचित किया कि गृह मंत्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के तत्काल प्रभाव से इस्तीफे की (22 जुलाई को) अधिसूचना जारी की है। घोषणा के तुरंत सदन स्थगित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना के 15 घंटे बाद ‘एक्स’ पर पोस्ट किया- श्री जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।’

यह भाजपा का अंदरूनी मामला : खरगे

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अनौपचारिक बातचीत में ‘सन्मार्ग’ से कहा कि यह बहुत दुखद है। जो हुआ अच्छा नहीं हुआ लेकिन हम इस पर कुछ नहीं कह सकते। यह उनका (भाजपा) अपना अंदरूनी मामला है। यह पूछे जाने कि क्या उपसभापति हरिवंश नारायण को सभापति बनाया जायेगा, उन्होंने कहा नहीं मुझे नहीं लगता। कांग्रेस के उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारने की संभावना पर पूछ जाने पर खरगे ने कहा देखेंगे अब राजग किस पार्टी से उम्मीदवार उतारेगा। तेदेपा, जदयू या भाजपा उसके हिसाब से हम तय करेंगे। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि सेहत उनके इस्तीफे का कारण नहीं हो सकती लेकिन यदि आधिकारिक रूप से यह कारण बताया गया है तो हम मान लेते हैं।

इस सत्र में नहीं हो पायेगा नये उपराष्ट्रपति का चुनाव : नड्डा

राज्यसभा में सदन के नेता जगत प्रकाश नड्डा ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि किसी संसदीय कार्य में व्यस्त होने के कारण वे और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू सोमवार शाम कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में शामिल नहीं हो पाये। इसकी सूचना उपराष्ट्रपति कार्यालय को दो दी गयी थी। नड्डा ने इस पर भी सफाई दी कि उनको सदन में ये क्यों कहना पड़ा रिकॉर्ड पर कुछ नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि यह विपक्ष के लिए था न कि सभापति के लिए। उन्होंने साफ किया कि इस सत्र में नये उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो पायेगा।

मंत्री से ‘कहासुनी’ से आहत होकर दिया इस्तीफा!

सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार जगदीप धनखड़ पिछले कई महीने से बहुत परेशान थे विशेषकर सरकार के कुछ बड़े पदाधिकारियों के रूखे व्यवहार से वे बहुत दुखी थे। मानसून सत्र शुरू होते ही दिल्ली उच्च न्याायलय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के महाभियोग प्रस्ताव पर सीधे सीधे टकराव का विषय बन गया। सूत्रों के अनुसार सरकार को यह जानकारी नहीं थी कि धनखड़ ने न्यायमूर्ति वर्मा के महाभियोग का विपक्षी सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्ताव लिया है। यदि सरकार को पता होता तो राजग सांसद भी उसी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर देते। बताया जा रहा है कि बीएसी की बैठक समाप्त होने के बाद एक प्रभावशाली मंत्री से इस मामले को लेकर काफी कहासुनी हुई और आहत होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों वे मार्गदर्शक मंडल में भेज दिये गये भाजपा के पूर्व केंद्रीयमंत्री सांसद से मिलने उनके घर गये थे और अपने दिल का हाल सुनाया था। रिश्तों में दोनों तरफ लंबे समय से कड़वाहट चल रही थी जिसको समय समय पर हवा मिलती रहती थी।

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