

सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : 29 मई को शुरू किया गया राष्ट्रव्यापी प्री-खरीफ अभियान ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के सभी क्षेत्रों में पूरे जोश के साथ लागू किया जा रहा है। कृषक समुदाय को सशक्त बनाने के उद्देश्य से यह अभियान उत्पादकता और स्थिरता बढ़ाने की दिशा में केंद्र सरकार की कृषि योजनाओं और आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकियों के बारे में जागरुकता फैला रहा है। केंद्र शासित प्रदेश में यह अभियान कृषि निदेशालय, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के अधिकारियों और अन्य संबंधित हितधारकों द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जा रहा है। ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों सहित द्वीपसमूह के विभिन्न क्षेत्रों से किसान इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। पहल के चौथे दिन तक शिविर, प्रदर्शन, घर-घर जाकर फील्ड विजिट, खेल आयोजन और शाम की ग्राम सभा जैसी कई जागरुकता गतिविधियां पहले ही हो चुकी थीं। व्यापक आउटरीच में कृषक समुदाय की ओर से पर्याप्त उपस्थिति देखी गई, जो मजबूत रुचि और जुड़ाव को दर्शाता है। उल्लेखनीय रूप से अधिकारियों ने अभियान को सुदूर नानकॉरी द्वीप समूह तक भी विस्तारित किया है। नाव से यात्रा करके यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी किसान छूट न जाए। इन दूरदराज के स्थानों के किसानों ने भी जागरुकता कार्यक्रमों में गहरी रुचि दिखाई है, जो अभियान की समावेशी और व्यापक प्रकृति को रेखांकित करता है। अभियान के प्रमुख कृषि रथ ऑडियो सिस्टम और सूचनात्मक बैनर से लैस होकर दूर-दराज के क्षेत्रों से गुजर रहे हैं। ये मोबाइल इकाइयां कृषि योजनाओं और सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में सीधे किसानों तक संदेश पहुँचा रही हैं, जिससे सबसे दुर्गम क्षेत्रों में भी प्रभावी संचार सुनिश्चित हो रहा है।
अब तक, द्वीपों में कुल 42 जागरुकता शिविर आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें 3,239 किसानों ने भाग लिया है। ‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल के तहत अभियान के दौरान 14 फलदार पेड़ लगाये गये। कृषि निदेशालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह अभियान 12 जून 2025 तक विभिन्न ब्लॉकों और गांवों में चरणबद्ध जारी रहेगा। चल रहे प्रयासों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर किसान को समग्र कृषि विकास के लिए ज्ञान और सहायता प्रणालियों तक पहुँच मिले।