

सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : “सम्पर्क से समाधान – प्रशासन गांव की ओर” पहल के तहत उत्तर एवं मध्य अंडमान जिला प्रशासन ने एक बार फिर जमीनी स्तर पर जनसंपर्क का व्यापक अभियान चलाया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की वास्तविक समस्याओं को नजदीक से समझना, जनता से सीधे संवाद स्थापित करना और प्रशासन को गांवों के द्वार तक पहुँचाना है। इसी क्रम में उपायुक्त सुशांत पाधा के नेतृत्व में रंगत उपखंड के सात गाँवों—सबरी, भारतपुर, विष्णुपुर, बकुलतला, श्यामकुंड, उर्मिलापुर और कलसी—का विस्तृत दौरा किया गया। इस दौरे में उपायुक्त के साथ मध्य अंडमान के सहायक आयुक्त, प्रभागीय वन अधिकारी तथा विभिन्न विभागों के प्रमुख मौजूद थे। प्रशासनिक टीम ने गांव-गांव जाकर ग्रामीणों से सीधे बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। यह संवाद केवल औपचारिक नहीं था, बल्कि घर-घर पहुँचकर हर नागरिक को अपनी बात रखने का अवसर दिया गया। ग्रामीणों ने सड़कों की खराब स्थिति, पेयजल आपूर्ति में बाधाओं, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, विद्यालयों की आवश्यकताओं, नागरिक आपूर्ति और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं से जुड़े कई मुद्दे प्रशासन के समक्ष रखे। जिला प्रशासन ने प्रत्येक शिकायत पर गंभीरता से विचार किया और जिन समस्याओं का तत्काल समाधान संभव था, उन्हें मौके पर ही संबंधित विभागों द्वारा निपटाया गया। इससे ग्रामीणों को तुरंत राहत मिली और उनके मन में प्रशासन के प्रति भरोसा मजबूत हुआ। कई गाँवों में सड़क मरम्मत, पानी की आपूर्ति में सुधार, स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता और राशन वितरण व्यवस्था की समीक्षा जैसे कदम तुरंत उठाए गए।
उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि प्रशासन की यह जनसंपर्क यात्रा केवल एक बार की गतिविधि नहीं है, बल्कि आने वाले महीनों में इसे जिले के सभी शेष गांवों तक विस्तारित किया जाएगा। उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शासन और सेवाएँ केवल कार्यालयों तक सीमित न रहें, बल्कि नागरिकों के दरवाजे तक पहुँचें। “सम्पर्क से समाधान – प्रशासन गांव की ओर” पहल ग्रामीणों और प्रशासन के बीच सीधे संवाद को मजबूत कर रही है। इस अभियान ने यह साबित किया है कि जब प्रशासन लोगों की समस्याओं को उनके बीच जाकर सुनता है, तो समाधान अधिक प्रभावी और त्वरित होते हैं। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वह प्रत्येक नागरिक तक पहुंचने, उनकी समस्याओं को समझने और समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल उत्तर एवं मध्य अंडमान में सहभागी, पारदर्शी और जन-केंद्रित शासन व्यवस्था को सुदृढ़ कर रही है।