नयी दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग संस्थानों और ‘डमी स्कूलों’ के बढ़ते चलन के साथ-साथ प्रवेश परीक्षाओं की प्रभावशीलता और निष्पक्षता की जांच के लिए उच्च शिक्षा सचिव विनीत जोशी की अध्यक्षता नौ सदस्यीय समिति गठित की है।
समिति में बतौर सदस्य शामिल होंगे
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि उच्च शिक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली समिति उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए कोचिंग सेंटरों पर छात्रों की निर्भरता कम करने के उपाय सुझायेगी। समिति में उच्च व स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव, आईआईटी, एनआईटी, सीबीएसई, एनसीईआरटी, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और निजी स्कूलों की प्रिंसिपल के बतौर सदस्य शामिल होंगे।
शिक्षा प्रणाली में खामियों की जांच करेगी
शिक्षा मंत्रालय के निदेशक देवेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि समिति मौजूदा स्कूल शिक्षा प्रणाली में मौजूद उन खामियों की जांच करेगी, जिनके कारण छात्र कोचिंग सेंटरों पर निर्भर हो जाते हैं। विशेष रूप से यह समिति इस बात पर गौर करेगी कि किस तरह रटने की प्रवृत्ति हावी है और आलोचनात्मक सोच, तार्किक विवेक, विश्लेषणात्मक क्षमता और नवाचार पर सीमित ध्यान दिया जा रहा है।
'डमी स्कूलों’ के उभरने के कारणों की जांच
शर्मा ने कहा कि ‘डमी स्कूलों’ के उभरने के पीछे के कारणों की जांच की जाएगी और समिति औपचारिक स्कूली शिक्षा की कीमत पर पूर्णकालिक कोचिंग को प्रोत्साहित करने में उनकी भूमिका का अध्ययन करेगी तथा उन्हें कम करने के उपाय सुझायेगी। समिति स्कूल शिक्षा प्रणाली के संदर्भ में प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं की प्रभावशीलता और निष्पक्षता तथा कोचिंग उद्योग के विकास पर उनके प्रभाव का अध्ययन करेगी।