नशामुक्ति केंद्र बना 'यातना केंद्र' ! बेरहमी से पिटाई के बाद युवक की मौत, संचालक फरार

De-addiction center turns into a 'torture center'! Young man dies after brutal beating, center owner on the run.
सांकेतिक फोटो
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

हालीशहर : उत्तर 24 परगना जिले के अंतर्गत आने वाले हालीशहर (हैलিসहर) इलाके में एक नशामुक्ति केंद्र (Rehabilitation Center) में युवक की संदिग्ध और दर्दनाक मौत से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। आरोप है कि सुधार के नाम पर युवक को केंद्र के भीतर जानवरों की तरह पीटा गया, जिससे उसकी जान चली गई। मृतक की पहचान कालना (पूर्व बर्धमान) निवासी विश्वजीत मंडल के रूप में हुई है। इस घटना ने एक बार फिर उन निजी नशामुक्ति केंद्रों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं जो प्रशासन की नाक के नीचे बिना किसी वैध लाइसेंस के चल रहे हैं।

सुधार की आस में दी थी 'बली'

परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, विश्वजीत मंडल नशे की लत का शिकार था। उसे एक नई और स्वस्थ जिंदगी देने की उम्मीद में परिवार ने हैलिसहर चेक पोस्ट मोड़ (वार्ड नंबर 2) स्थित एक नशामुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। परिजनों को भरोसा था कि वहां विशेषज्ञों की देखरेख में विश्वजीत ठीक हो जाएगा, लेकिन उन्हें क्या पता था कि जिस केंद्र को वे जीवन रक्षक मान रहे थे, वह उसके लिए काल बन जाएगा। गुरुवार को विश्वजीत की हालत अचानक बिगड़ी, जिसके बाद उसे कल्याणी के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया।

पिटाई के निशान और संचालक की फरारी

मृतक के परिजनों का आरोप है कि विश्वजीत के शरीर पर चोट के गंभीर निशान थे, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि उसे बेरहमी से पीटा गया था। जैसे ही अस्पताल से मौत की पुष्टि हुई, नशामुक्ति केंद्र का संचालक विश्वजीत दास केंद्र पर ताला लगाकर फरार हो गया। संचालक का इस तरह अचानक गायब होना आरोपों को और पुख्ता कर रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही हालीशहर थाने की पुलिस और भारी सुरक्षा बल मौके पर पहुंचा।

अवैध रूप से संचालन का खुलासा

वार्ड संख्या 2 के स्थानीय पार्षद ने मामले में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पार्षद के अनुसार, विश्वजीत दास ने वह मकान किराए पर लिया था। हालांकि मकान मालिक के साथ किए गए 'रेंट डीड' में नशामुक्ति केंद्र खोलने का उल्लेख किया गया था, लेकिन इसके लिए आवश्यक स्वास्थ्य विभाग का लाइसेंस और अन्य प्रशासनिक अनुमतियां कभी नहीं दिखाई गईं। संचालक ने न तो मकान मालिक को और न ही स्थानीय प्रशासन को कोई वैध दस्तावेज जमा किए थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह केंद्र पूरी तरह से अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

हालीशहर थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। पुलिस की एक टीम फरार संचालक विश्वजीत दास की तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के सटीक कारणों का पता चल पाएगा, जिसके आधार पर हत्या या गैर-इरादतन हत्या की धाराएं जोड़ी जाएंगी। साथ ही, बैरकपुर कमिश्नरेट के अंतर्गत चल रहे अन्य नशामुक्ति केंद्रों की वैधता की जांच करने की मांग भी स्थानीय लोगों ने उठाई है।

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