

कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार 19 मई को अपनी तीन दिवसीय उत्तर बंगाल दौरे की शुरुआत करेंगी। हालांकि यह यात्रा केवल प्रशासनिक या औद्योगिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं मानी जा रही, बल्कि यह तृणमूल कांग्रेस के लिए संगठनात्मक रूप से भी अत्यंत अहम मानी जा रही है। गौरतलब है कि हाल ही में तृणमूल कांग्रेस ने राज्य के विभिन्न जिलों के लिए नये जिला अध्यक्षों की सूची जारी की है। लेकिन इस सूची में दार्जिलिंग (समतल) के लिए किसी भी नाम की घोषणा नहीं की गई। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि इस क्षेत्र के अध्यक्ष का नाम बाद में घोषित किया जाएगा। ऐसे में जब खुद मुख्यमंत्री उत्तर बंगाल दौरे पर जा रही हैं, तो माना जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान ही दार्जिलिंग (समतल) के नये अध्यक्ष का नाम तय हो सकता है।
आगामी चुनाव में दार्जिलिंग समतल की होगी अहम भूमिका
दार्जिलिंग पहाड़ियाँ और दार्जिलिंग समतल - तृणमूल ने दार्जिलिंग को संगठनात्मक रूप से दो भागों में बांट दिया है। दार्जिलिंग हिल के चेयरमैन पद के लिए मिरिक नगरपालिका के चेयरमैन लाल बहादुर राई का नाम सामने आया है। पूर्व राज्यसभा सांसद शांता छेत्री जिला अध्यक्ष हैं। कूचबिहार के नेता व पूर्व राज्य मंत्री रवींद्रनाथ घोष की पुत्री पापिया घोष लंबे समय से दार्जिलिंग (समतल) में इस पद पर थीं लेकिन उनका नाम नयी सूची में नहीं है। दार्जिलिंग (समतल) के जिला चेयरपर्सन पद पर भी बदलाव हुआ है। वहां आलोक चक्रवर्ती की जगह संजय टिबरेवाल के नाम की घोषणा की गयी है। दूसरी ओर, अध्यक्ष का नाम रिक्त छोड़ दिया गया है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या तृणमूल पापिया घोष को अध्यक्ष पद से हटाने जा रही है? हालाँकि, जो कुछ ज्ञात है उससे ऐसा लगता है कि पापिया की कोलकाता पर अत्यधिक निर्भरता निर्णय लेने में उनके खिलाफ काम कर सकती है। पार्टी नेतृत्व इस बात से बहुत खुश नहीं था। अब जबकि मुख्यमंत्री स्वयं वहां पहुंच रही हैं, ऐसे में पार्टी सूत्रों का दावा है कि दार्जिलिंग (समतल) के लिए एक नये विकल्प पर विचार विमर्श हो सकता है। ममता बनर्जी 19 मई की शाम को बागडोगरा के लिए रवाना होंगी और 20 मई से उनका औपचारिक कार्यक्रम शुरू होगा। इस दौरान उनके औद्योगिक बैठकें करने के अलावा पार्टी के नेताओं से भी बातचीत करने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो इसी दौरान मुख्यमंत्री दार्जिलिंग समतल के लिए जिला अध्यक्ष का नाम तय कर सकती हैं।