पटना : कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने बुधवार को आरोप लगाया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) साजिश लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है और यह दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों जैसे हाशिए पर खड़े समुदायों को उनके मताधिकार से वंचित करने के लिए रची गयी है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और सीडब्ल्यूसी सदस्य राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लगाने और एच-1बी वीजा से जुड़े उनके कदमों की के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा कि विदेश नीति निजी ‘दोस्ती’ से तय नहीं होनी चाहिए।
बैठक में दो प्रस्ताव पारित किये गये
विस्तारित कार्य समिति की बैठक में दो प्रस्ताव पारित किये जिनमें एक राजनीतिक और दूसरा बिहार से संबंधित है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि बैठक के दौरान 51 लोगों ने चर्चा में भाग लिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने राजनीतिक प्रस्ताव और बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख राजेश कुमार राम ने बिहार से संबंधित प्रस्ताव रखा। वेणुगोपाल ने कहा कि बैठक में संगठन को मजबूत करने और वोट चोरी को लेकर मुख्य रूप से चर्चा की गयी।
मताधिकार पर हमले का यह षड्यंत्र
बिहार से संबंधित प्रस्ताव में कहा गया है कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की साजिश आज हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। बिहार में साफ़ दिखता है कि यह प्रक्रिया योजनाबद्ध ढंग से दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों जैसे हाशिए पर खड़े समुदायों को उनके मताधिकार से वंचित करने के लिए रची गयी है। सीडब्ल्यूसी ने कहा कि मताधिकार पर हमले का यह षड्यंत्र अंततः इन समुदायों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं और उनके संवैधानिक आरक्षण के अधिकार से भी विहीन कर देगा।
विदेश नीति को लेकर पीएम पर निशाना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘टैरिफ बम’ और एच-1बी वीजा के मद्देनजर प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए इस बात पर जोर दिया कि विदेश नीति निजी ‘दोस्ती’ से तय नहीं होनी चाहिए। सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि राहुल ने अमेरिका के हालिया कदमों और ट्रंप के बयानों का उल्लेख करते हुए मोदी सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को ट्रंप के सामने खड़ा होना चाहिए और भारत के राष्ट्रीय हित को सबसे आगे रखना चाहिए।