

निधि, सन्मार्ग संवाददाता
नदिया: पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के धूबुलिया थाना क्षेत्र में एक बेहद ही शातिर तरीके से अंजाम दी जा रही चोरी की घटना का खुलासा हुआ है। यहाँ एक महिला पिछले कई दिनों से एक नामी गहने की दुकान को अपना निशाना बना रही थी। उसकी चालाकी का आलम यह था कि वह दुकान में एक संभ्रांत ग्राहक बनकर आती थी, लेकिन मौका मिलते ही कीमती गहने पार कर देती थी। हालांकि, तकनीक और पुलिस की तत्परता ने उसके इस 'खतरनाक खेल' का अंत कर दिया है।
घटना धूबुलिया के गौरनगर ग्राम की है, जहाँ गोपाल मंडल की आभूषणों की एक दुकान है। पिछले कुछ समय से गोपाल मंडल काफी परेशान थे। उन्हें रह-रहकर यह महसूस हो रहा था कि उनकी दुकान के स्टॉक से गहने कम हो रहे हैं। शुरुआत में उन्हें लगा कि शायद गिनती में कोई चूक हो रही है, लेकिन जब नियमित अंतराल पर सोने-चांदी के छोटे-बड़े आभूषण गायब होने लगे, तो उनका संदेह गहरा गया।
बुधवार की सुबह जब उन्होंने अपनी दुकान खोली और मिलान किया, तो पाया कि फिर से कुछ गहने गायब हैं। अब यह स्पष्ट हो चुका था कि कोई बाहरी व्यक्ति बहुत ही सफाई से इस काम को अंजाम दे रहा है। बिना समय गंवाए उन्होंने धूबुलिया थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए धूबुलिया थाना पुलिस तुरंत सक्रिय हुई। पुलिस की एक टीम जांच के लिए दुकान पहुंची और सबसे पहले पिछले कुछ दिनों के CCTV फुटेज खंगालने शुरू किए। घंटों की मशक्कत के बाद, एक फुटेज ने पुलिस के कान खड़े कर दिए। फुटेज में एक महिला नजर आई जो कई बार ग्राहक के रूप में दुकान में दाखिल हुई थी।
कैमरे में साफ दिखा कि जब दुकानदार या कर्मचारी दूसरे ग्राहकों को दिखाने में व्यस्त होते, तो वह महिला बड़ी ही फुर्ती से गहनों के डिब्बों से सामान निकालकर अपने कपड़ों या बैग में छिपा लेती थी। वह बार-बार दुकान पर आती थी ताकि किसी को शक न हो और हर बार छोटी मात्रा में चोरी करती थी।
CCTV के आधार पर पुलिस ने महिला की पहचान सुमी हालदार के रूप में की, जो धूबुलिया की ही निवासी है। पुलिस ने जाल बिछाया और शुक्रवार को सुमी को उसके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया। थाने लाकर जब उससे कड़ी पूछताछ की गई, तो शुरुआत में उसने इनकार किया, लेकिन सबूत सामने आते ही उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
सुमी ने पुलिस को बताया कि वह केवल चोरी नहीं करती थी, बल्कि चोरी के माल को ठिकाने लगाने का इंतजाम भी उसने कर रखा था। उसने खुलासा किया कि वह चोरी किए गए आभूषणों को धूबुलिया के ही रहने वाले अलकेश देवनाथ को सस्ते दामों पर बेच देती थी।
सुमी की निशानदेही पर पुलिस ने तत्काल अलकेश देवनाथ के यहाँ छापेमारी की। पुलिस ने अलकेश को भी गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से चोरी किए गए गहने (लगभग 300 ग्राम चांदी और अन्य सामान) बरामद कर लिए। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस गिरोह में और भी लोग शामिल हैं या क्या सुमी ने अन्य दुकानों में भी इसी तरह हाथ साफ किया है।
इस गिरफ्तारी के बाद गौरनगर और धूबुलिया के अन्य व्यापारियों ने राहत की सांस ली है। पुलिस ने व्यापारियों को सलाह दी है कि वे अपनी दुकानों में न केवल आधुनिक CCTV कैमरे लगाएं, बल्कि संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर भी रखें। पुलिस ने शनिवार को दोनों आरोपियों को संबंधित अदालत में पेश कर रिमांड की मांग की है।