डीवीसी को पूर्व सूचना देकर ही पानी छोड़ना होगा : पंत

नवान्न में मुख्य सचिव ने बाढ़ पर की समीक्षा बैठक
CS Dr Manoj Pant
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कोलकाता: आने वाले सप्ताह राज्य सरकार के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं क्योंकि आईएमडी ने पूरे बंगाल में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस संबंध में राज्य प्रशासन अब और समय बर्बाद करने को तैयार नहीं है। साथ ही राज्य प्रशासन डीवीसी की भी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है। यहां तक कि वह पर्याप्त कार्रवाई करने के लिए तैयार है।

राज्य के लिए हाई अलर्ट का सुझाव

सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को राज्य सचिवालय नवान्न में राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत की अध्यक्षता में जिलाधिकारियों के साथ बाढ़ की स्थिति को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की गयी। बैठक में संभावित जलभराव और ज्वार को देखते हुए प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिये गये। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि राहत सामग्री को केवल केंद्रीय रूप से संग्रहित करने के बजाय संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पास सुरक्षित स्थानों पर पहले से रखवाया जाए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उसका तुरंत वितरण सुनिश्चित हो सके। बैठक में यह भी बताया गया कि पिछले बोरो सीजन में बाढ़ से हुई फसल क्षति के लिए 'बांग्ला शस्य बीमा' योजना के अंतर्गत मुआवजा जल्द ही किसानों को दिया जाएगा।

राहत एवं सावधानी पर विशेष जोर

मुख्य सचिव पंत ने जिलों को निर्देश दिया कि यदि किसी इलाके में बाढ़ के कारण सड़कों को क्षति पहुंचे, तो उनकी तुरंत मरम्मत कराई जाए ताकि लोगों को आवागमन में कोई परेशानी न हो। इस दौरान उन्होंने डीवीसी द्वारा हाल ही में बिना पूर्व सूचना के 58,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर नाराजगी जाहिर की। मुख्य सचिव ने कहा कि डीवीसी को राज्य सरकार को पूर्व सूचना देकर ही पानी छोड़ना चाहिए, जैसा कि आपसी समन्वय प्रोटोकॉल में निर्धारित है। इस संबंध में सिंचाई विभाग को भी निर्देश दिये गये कि वह इस विषय पर डीवीसी के साथ तत्काल समन्वय बनाये। बैठक में सभी संबंधित विभागों को बाढ़ से निपटने के लिए समन्वय और तत्परता के साथ काम करने के निर्देश दिये गये।

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