

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उत्तर बंगाल में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों के लिए राज्य के राहत और पुनर्वास प्रयासों की सिर्फ आलोचना करने के बजाय सभी को संकटग्रस्त लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए। दार्जिलिंग हिल्स में एक प्रशासनिक बैठक को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार युद्धस्तर पर पुनर्निर्माण कार्य कर रही है क्योंकि मिरिक, कालिम्पोंग के कुछ हिस्सों, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और अन्य इलाकों में कई मकान, स्वास्थ्य केंद्र और प्रशासनिक भवन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘केवल (राज्य के राहत और बचाव उपायों की) आलोचना करने से लोगों की परेशानियों को कम करने में मदद नहीं मिलेगी। हमें प्रभावित लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए और मदद करनी चाहिए।’’ हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में दान देने का आग्रह
मुख्यमंत्री ने लोगों से नवगठित पश्चिम बंगाल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में दान देने का आग्रह भी किया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हम पैसे की भीख नहीं मांग रहे हैं, हम सब कुछ संभाल लेंगे।’’ ममता बनर्जी ने पहले दावा किया था कि केंद्र ने उत्तर बंगाल में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में राज्य की मदद के लिए एक पैसा भी जारी नहीं किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावितों के बीच राहत किट वितरित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि राज्य किसानों को फसल बीमा राशि प्रदान करता है। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों के जिलाधिकारियों से नुकसान का विवरण देते हुए एक रिपोर्ट तैयार करने और उसे कृषि विभाग को भेजने को कहा। ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार ने सब्जियों और जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं को सस्ती कीमतों पर बेचने के लिए 46 नए ‘सुफल बांग्ला आउटलेट’ खोले हैं। उन्होंने बताया, ‘‘भूस्खलन और बाढ़ के बाद हमने इन आउटलेट पर 500 क्विंटल आलू भेजे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने उत्तर बंगाल में कृषि विकास के लिए 7,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।