20 लाख की ठगी करने आये जालसाजों को ही लूट ले गये अपराधी

फर्जी पुलिसकर्मी बनकर बदमाशों ने किया यह कांड, 8 गिरफ्तार
Criminals robbed the con artists who had come to swindle them out of 20 lakh rupees.
बरामद रुपयों व अभियुक्तों के साथ बासुदेवपुर थाने की पुलिस टीम
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

बैरकपुर: जगदल के बासुदेवपुर थाना क्षेत्र में चोर के घर चोरी जैसा एक फिल्मी सीन असल जिंदगी में देखने को मिला है। बैरकपुर के डीसी नॉर्थ गणेश विश्वास ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस ने मात्र कुछ ही दिनों के भीतर घटना में शामिल 8 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके पास से लूटे गये 20 लाख रुपयों में 16 लाख रुपये नकद व दो गाड़ियां बरामद की हैं। डीसी नॉर्थ के अनुसार यह घटना 11 दिसंबर की रात को घटी। मोहनपुर निवासी रथींद्रनाथ विश्वास को 20 लाख निवेश कर 25 लाख वापस पाने का लालच दिया गया था। सत्यजीत पाल, फिरोज गाजी, साधन कर और सौरव मजुमदार नामक चार जालसाजों ने रथींद्रनाथ को ठगने की योजना बनाई थी। योजना के मुताबिक बासुदेवपुर थाना क्षेत्र के कल्याणी एक्सप्रेसवे पर 'पीटर प्लैटर' होटल के पास पैसे का लेन-देन होना था लेकिन कहानी में मोड़ तब आया जब वहां 'पुलिस' का स्टिकर लगी एक दूसरी गाड़ी पहुंची।


कई जगहों पर पुलिस को चलाना पड़ा अभियान

इस गाड़ी में सवार अभियुक्त सुमित मंडल उर्फ छोटू, शुभेंदु मंडल उर्फ जय और तापस सरदार (कुख्यात अपराधी) किसी शिकार की तलाश में थे। उन्होंने देखा कि सड़क किनारे गाड़ी में पैसों का लेन-देन हो रहा है। जय और राजू ने पुलिस अधिकारी बनकर पूछताछ शुरू की, तभी मौका पाकर छोटू रुपयों से भरा बैग लेकर अपनी गाड़ी में बैठकर फरार हो गया यानी जो जालसाज रथींद्रनाथ को ठगने आए थे, उन्हें ही असली अपराधियों ने लूट लिया। पीड़ित रथींद्रनाथ ने फिर बासुदेवपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए विभिन्न जिलों नोआपाड़ा, कैनिंग, रानीगंज, खड़दह और कुलतली से छापेमारी कर सभी 8 अभियुक्तों को धर दबोचा। पकड़े गए अभियुक्तों को बैरकपुर कोर्ट में पेश कर पुलिस ने रिमांड पर लिया है। पुलिस अब इस गिरोह के पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है।

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