मुर्शिदाबाद हिंसा में मारे गए लोगों के मामलों की न्यायिक जांच चाहती है माकपा

मो. सलीम ने कहा, बीएसएफ और पुलिस दोनों हैं आरोपों के घेरे में
मुर्शिदाबाद हिंसा में मारे गए लोगों के मामलों की न्यायिक जांच चाहती है माकपा
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कोलकाता . माकपा ने मुर्शिदाबाद हिंसा में मारे गए हरगोविंद दास और चंदन दास के मामलों की न्यायिक जांच की मांग की है। इस संबंध में एक संवाददाता सम्मेलन करते हुए माकपा के प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम ने सोमवार को कहा कि बीएसएफ और राज्य पुलिस दोनों ही आरोपों के घेरे में हैं। इस स्थिति में इस मामले की न्यायिक जांच ही होनी चाहिए। तभी सच्चाई सामने आएगी। हालांकि मृतकों के परिवार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामला दायर सीबीआई जांच की मांग की है। हरगोविंद और चंदन दास के परिजनों ने यह भी कहा है कि उनका किसी ने अपहरण नहीं किया है। वे मुर्शिदाबाद से साल्टलेक में स्वेच्छा से गए हैं। इस सिलसिले में सलीम का कहना है कि रुपए और कुर्सी का आजमाइश हो रहा है।

रुपए का खेल खेल रही भाजपा

भाजपा रुपए का खेल खेल रही है, तो राज्य सरकार अपनी कुर्सी की ताकत दिखा रही है। सलीम ने कहा कि राज्य विधानसभा का चुनाव अगले साल ही होगा। इस स्थिति में भाजपा और आरएसएस राज्य के लोगों को धर्म के नाम पर बांटकर गृह युद्ध जैसा स्थिति पैदा करना चाहती है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी बैक डोर से सत्ता का सुख भोगना चाहते हैं, इसलिए वे हिंसा को आधार बनाकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगवाने की फिराक में हैं।

बंगाल के लोगों को करेंगे एकजुट

आरएसएस और भाजपा के मंसूबे पर पानी फेरने के लिए हम बंगाल के लोगों को एकजुट करेंगे और इसके लिए कई कार्यक्रम आयोजित करेंगे। उनकी बंगाल के लोगों से अपील है कि जिस तरह आरजी कर रेप-मर्डर कांड में एकजुट हो विरोध किया था, ठीक उसी तरह मुर्शिदाबाद के मामले में भी एकजुट हो विरोध करें। मालूम हो कि मुर्शिदाबाद की हिंसा में जान गंवाने वाले पिता-पुत्र के परिजन इन दिनों साल्टलेक में रह रहे हैं। कोलकाता पुलिस की एक टीम रविवार को वहां गई थी। पुलिस का कहना है कि उनके पास शिकायत दर्ज कराई गई है कि हरगोविंद दास और चंदन दास के परिवारों का अपहरण कर लिया गया है।

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