

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने विमान में एक महिला सहयात्री को घूरने के अभियुक्त एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को दोनों पक्षों के बीच सुलह समझौता हो जाने के बाद निरस्त कर दिया।
न्यायमूर्ति रवीन्द्र डुडेजा के पीठ ने कहा कि दोनों पक्ष समझौते पर पहुंच गये हैं तथा विवाद को लंबा खींचने से कोई लाभ नहीं होगा। शिकायती ने अदालत के समक्ष पुष्टि की कि उसने याची के साथ बिना किसी बल, भय, दबाव के मामले को सुलझा लिया है और यदि ‘महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने संबंधी शब्द, इशारा या कृत्य का प्रयोग करने या उसमें लिप्त होने’ के अपराध के लिए दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया जाता है, तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।
महिला ने आरोप लगाया था कि पिछले साल 28 मई को इंदौर से दिल्ली की उड़ान के दौरान याची उसे लगातार घूरता रहा जिससे उसे काफी असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। उसने कहा कि विमान उतरने के बाद उसने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज करायी। दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि समझौते के मद्देनजर अगर प्राथमिकी और आरोपपत्र रद्द कर दिया जाता है तो कोई आपत्ति नहीं है।