

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित रूप से आपत्तिजनक ‘सोशल मीडिया पोस्ट’ के खिलाफ भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (आईआरपीएस) अधिकारी एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला द्वारा दायर मुकदमे की कार्यवाही मंगलवार को बंद कर दी।
न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने ‘एक्स कॉर्प’, गूगल और अज्ञात व्यक्तियों (जॉन डो) के खिलाफ दायर मुकदमे में अंजलि बिरला के पक्ष में फैसला सुनाया। अधिकारी ने सोशल मीडिया से वह ‘पोस्ट’ हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने पिता के प्रभाव के कारण संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास की और अपने पहले ही प्रयास में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बन गयीं।
अंजलि बिरला के वकील ने अभ्यावेदन दिया कि बिरला ने यूपीएससी एवं सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) दी थी और 2019 की समेकित आरक्षित सूची में उनका चयन हुआ था। वे आईआरपीएस अधिकारी के रूप में भारतीय रेलवे में शामिल हुईं। अदालत ने पिछले साल जुलाई में एक अंतरिम आदेश पारित कर ‘एक्स कॉर्प’ और ‘गूगल इंक’ को अंजलि बिरला के खिलाफ आपत्तिजनक ‘सोशल मीडिया पोस्ट’ हटाने का निर्देश दिया था। उसने अंतरिम आदेश में अज्ञात पक्षों को अंजलि बिरला द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में उल्लिखित कथित मानहानिकारक सामग्री को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पोस्ट करने, प्रसारित करने, संचारित करने, ट्वीट करने या रीट्वीट करने से भी रोक दिया था।