कोर्ट ने दिया बैरकपुर में तालाब के पुनरुद्धार का आदेश

घर के मालिकों के दावे से पैदा हुई कानूनी जटिलता
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सन्मार्ग संवाददाता

बैरकपुर : उत्तर बैरकपुर नगरपालिका के 23 नंबर वार्ड के मनिरामपुर इलाके में एक तालाब के जीर्णोद्धार का कलकत्ता हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है। इस निर्देश के बाद तालाब के कुछ हिस्सों को पाटकर वहां बना दिये गये गैराज और घरों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है हालांकि देखा जा रहा है कि घरों के मालिकों ने इसका विरोध जताते हुए पुनः कोर्ट में गुहार लगाने की बात कही है। उन्होंने घरों को तोड़े जाने के विरुद्ध मंगलवार के बाद बुधवार को भी विरोध जताया। मौके पर पहुंचे स्थानीय पार्षद रवींद्रनाथ भट्टाचार्य ने कहा कि बैरकपुर पालिका में माकपा के बोर्ड के दौरान इस तरह से अवैध कार्य किये गये जिससे आज लोगों को परेशानी हो रही है। तालाब के मालिक ने तालाब को पाटकर उसकी जमीन को बेच दिये जाने की शिकायत पर हाई कोर्ट में मामला किया था। उसी मामले में मंगलवार को हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि तालाब को उसके असल रूप में ले आना होगा। जिन हिस्सों को पाटकर वहां निर्माण किया गया है वहां निर्माण हटाना होगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने कई बार तालाब को पाटकर वहां निर्माण किये जाने का प्रतिवाद किया था लेकिन निर्माण नहीं रुका। बताया गया है कि हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने एक अभियान चलाकर जेसीबी से एक गैराज को गिरा दिया हालाँकि मकान अब भी सुरक्षित हैं। इन घरों के मालिकों का दावा है कि उनके पास सभी कानूनी दस्तावेज और परमिशन हैं और वे अदालत का दरवाजा खटखटाएँगे। घटना को लेकर इलाके में तनाव फैल गया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने कहा है कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। घरों के मालिकों द्वारा जमीन खरीदने से लेकर वहां निर्माण की अनुमति दी जाने के कागजात के होने को लेकर यहां एक अलग ही कानूनी जटिलता पैदा हो गयी है जिसको लेकर पूरे इलाके में चर्चा हो रही है।


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