देश में कोरोना से 11 की मौत, 1047 सक्रिय मामले

सबसे ज्यादा पांच मौतें महाराष्ट्र में, देश में कोरोना के 4 वैरिएंट मिले लेकन ‘गंभीर’ नहीं
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सांकेतिक
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नयी दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 1047 हो गयी है। सबसे ज्यादा 430 सक्रिय मामले केरल में हैं। महाराष्ट्र में 208, दिल्ली में 104 और गुजरात में 83 केस हैं। कर्नाटक के 80 केसों में से सिर्फ 73 बेंगलुरू में हैं। वहीं महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में कुल 11 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें से नौ की मौत एक हफ्ते के भीतर हुई है।

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एक हफ्ते में 787 नये मरीज

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार कोरोना से सबसे ज्यादा पांच मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं। ठाणे में सोमवार को एक महिला की मौत हुई। पिछले एक हफ्ते में 787 नये मरीज दर्ज किये गये हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीइमआर) के निदेशक डॉ राजीव बहल ने बताया कि अभी तक देश में कोरोना के 4 वैरिएंट मिले हैं। इनमें एलएफ.7, एक्सएफजी, जेएन.1 और एनबी.1.8.1 वैरिएंट शामिल हैं।

कोरोना से 24 घंटे में 3 मौतें

जयपुर में गत सोमवार को कोरोना के दो मरीजों की मौत हो गयी। इनमें से एक रेलवे स्टेशन पर मृत मिला था। उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। दूसरी मौत निजी अस्पताल में भर्ती 26 साल के युवक की हुई। उसे पहले से ही टीबी की बीमारी थी। वहीं महाराष्ट्र के ठाणे में एक कोरोना पॉजिटिव महिला की इलाज के दौरान मौत हो गयी। ठाणे में ही गत रविवार (25 मई) को अस्पताल में इलाज करा रहे 21 साल के युवक की मौत हो गयी। उसका 22 मई से इलाज चल रहा था। इससे पहले 17 मई को कर्नाटक के बेंगलुरू में 84 साल के बुजुर्ग की मौत हुई थी। स्वास्थ्य विभाग ने बताया था कि बुजुर्ग की मौत मल्टी ऑर्गन फेल्योर की वजह से हुई थी। गत 24 मई को उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी। केरल में दो लोगों की कोविड से मौत हुई है।

भारत में मिले कोविड-19 के 4 नये वैरिएंट

देश में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच चार नये वैरिएंट मिले हैं। डॉ. बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गयी है, वे एलएफ.7, एक्सएफजी , जेएन.1 और एनबी.1.8.1 सीरीज के हैं। बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है ताकि नये वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए।

डब्ल्यूएचओ ने नये वैरिएंटस को नहीं माना चिंताजनक

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि निगरानी में रखे गये वैरिएंट के रूप में श्रेणीबद्ध किया गया है। भारत में कोविड का जेएन.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद बीए.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।

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