देश में कोरोना के अबतक 342 एक्टिव मरीज

भारत में कोविड के एनबी.1.8.1, एलएफ.7 वैरिएंट के मामले सामने आये : इंसाकॉग
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नयी दिल्ली : देश में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। शनिवार को उत्तर प्रदेश में 1 और उत्तराखंड तथा हरियाणा में 3-3 और मामले सामने आये है। महाराष्ट्र के ठाणे में पिछले तीन दिन में 10 मामले सामने आये हैं।गत शुक्रवार को अहमदाबाद में 20, उत्तर प्रदेश में 4, हरियाणा में 5 और बेंगलुरू में 9 महीने का एक बच्चा कोरोना पॉजिटिव पाये गये। इस तरह देश में अब तक कोरोना के 342 सक्रिय मामले हैं जिनमें 2 की मौत हो चुकी है। इस बीच भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्शियम (इंसाकॉग) ने बताया है कि भारत में कोविड-19 के नये वैरिएंट एनबी.1.8.1 का एक मामला और एलएफ.7 वैरिएंट के चार मामले सामने आये हैं।

एलएफ.7 चिंताजनक नहीं : डब्ल्यूएचओ

राजधानी में दिल्ली सरकार ने कोविड-19 को लेकर एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने सभी अस्पतालों को कहा है कि वे बेड, ऑक्सीजन, दवाइयों और वैक्सीन की पूरी व्यवस्था रखें। इंसाकॉग के मुताबिक भारत में कोविड-19 के वेरिएंट एनबी.1.8.1 का एक और एलएफ.7 प्रकार के चार मामले मिले हैं। चीन और एशिया के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इन्हें चिंताजनक नहीं माना है लेकिन निगरानी में रखे गये वेरिएंट के रूप में श्रेणीबद्ध (कैटेगराइज) किया है। हालांकि एनबी.1.8.1 के ए435एस, वी445एच, और टी478आई जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता। भारत में जेएन.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद बीए.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।

इम्यूनिटी कमजोर करता है जेएन.1 वैरिएंट

जेएन.1, ओमिक्रॉन के बीए 2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में डब्ल्यूएचओ ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं। अमेरिका की जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार जेएन.1 अन्य वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है। जेएन.1 के लक्षण कुछ दिन से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं।

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