

कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नियुक्ति भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26,000 नौकरियां रद्द होने के लिए भाजपा और सीपीएम को पूरी तरह जिम्मेवार ठहराया है। गुरुवार को नवान्न में सीएम ममता ने सवालिया लहजे में कहा कि अगर किसी जज पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता है तो उसकी 'सजा' ट्रांसफर करके दी जाती है, तो बंगाल में एसएससी में यही नीति क्यों नहीं अपनाई गई? मेरा मानना है कि यह सब बीजेपी और सीपीएम ने किया है क्योंकि, वे बंगाल की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करना चाहती हैं।
उन्होंने वकील तथा वाम सांसद विकास रंजन भट्टाचार्य पर निशाना साधते हुए कहा, मैं वाकई हैरान हूं। यह विकास रंजन ही हैं जिन्होंने केस दर्ज कराया था। वह दुनिया के सबसे बड़े वकील हैं! मुझे नहीं पता कि उन्हें अभी तक नोबेल क्यों नहीं मिल रहा है! सोच रही हूँ कि मैं ही सिफारिश कर दूं। ममता ने इस संदर्भ में बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजुमदार की आलोचना की। उन्होंने कहा, सुकांत बाबू कहते हैं, इसके लिए मैं जिम्मेदार हूं! मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि जब आपने पहली बार केस दायर किया था तो क्या आपने एक बार भी नहीं सोचा था कि कौन योग्य हैं और कौन नहीं? सरकार को उसके बारे में सोचने का मौका भी नहीं दिया। क्या आप स्वयं योग्य हैं? तमलुक से बीजेपी सांसद और कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय भी गुरुवार को मुख्यमंत्री के निशाने पर रहे। मुख्यमंत्री ने आशंका जताई कि एक साथ इतने सारे शिक्षकों की नौकरियां रद्द करना 'बंगाल को पीछे धकेलने की योजना' हो सकती है।