
कोलकाता: देशवासियों को यह अधिकार है कि वर्तमान परिस्थितियों के बारे में उसे किसी और से पहले पता हो और इसी कारण संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। बंगाल की मुख्यमंत्री ने इस संबंध में केंद्र के साथ अपने विचार साझा किए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को केंद्र से आग्रह किया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के वैश्विक अभियान के तहत विभिन्न देशों का दौरा कर रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के लौटने के बाद संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए। टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि भारत के लोगों को हालिया संघर्ष और उभरते वैश्विक घटनाक्रमों के बारे में जानकारी सबसे पहले होनी चाहिए। अनुमान है कि ममता ने राष्ट्रीय मामले में डोनाल्ड ट्रम्प के हस्तक्षेप के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की।
टीएमसी राष्ट्रीय हित की रक्षा में केन्द्र के साथ मजबूती से खड़ी है
शुक्रवार को ममता ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, 'आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक पहल के तहत विभिन्न देशों का दौरा कर रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को देखकर मुझे खुशी हो रही है। जैसा कि मैंने हमेशा कहा है, टीएमसी राष्ट्रीय हित और हमारी संप्रभुता की रक्षा में केन्द्र द्वारा उठाए गए किसी भी कदम के साथ मजबूती से खड़ी है। ममता ने यह भी कहा कि मैं केंद्र से अनुरोध करती हूं कि प्रतिनिधिमंडल के सुरक्षित स्वदेश लौटने के बाद वह संसद का विशेष सत्र बुलाए। मेरा मानना है कि देशवासियों को संघर्ष और उसके बाद की स्थिति के बारे में सबसे पहले जानने का अधिकार है। यह 'किसी और' कौन है? हालाँकि, जिस तरह से उन्होंने अंग्रेजी के बड़े अक्षरों में 'बिफोर एनीवन एल्स' लिखा है, उससे कई लोगों का मानना है कि सीएम ममता ने भारत-पाक संघर्ष में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भूमिका की ओर इशारा किया है। संयोगवश, यह ट्रम्प ही थे जिन्होंने पहली बार भारत-पाकिस्तान युद्धविराम की घोषणा की थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने ही दोनों देशों के बीच सुलह करवायी। इसके बाद दोनों देश युद्धविराम पर सहमत हो गये। जानकारों के अनुसार ममता ने अपनी पोस्ट में साफ तौर पर यह मांग उठाई है कि किसी के कुछ कहने से पहले विशेष सत्र बुलाकर देशवासियों को सारी बातें बताई जानी चाहिए।
अभिषेक ने भी ममता के सुझाव को स्वीकार किया
तृणमूल प्रमुख की पोस्ट को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने रीपोस्ट किया। संयोगवश, अभिषेक विश्व में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए जापान सहित पांच देशों की यात्रा पर हैं। गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस की ओर से लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। इसके अलावा शरद पवार की एनसीपी, तेजस्वी यादव की आरजेडी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ-साथ सीपीआई और सीपीएम जैसी भाजपा विरोधी पार्टियों ने भी संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की। अब ममता ने अपने अंदाज में यही मांग की है।