आपदा को राजनीति का मुद्दा न बनाएं: मुख्यमंत्री

-कहा, शिष्टाचार की भी एक सीमा होती है
CM Mamata Banerjee
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कोलकाता: दुर्गापूजा के ठीक पहले महानगर में लगातार बारिश और जलजमाव से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिन के पहले हिस्से में सभी पूजा उद्घाटन कार्यक्रम रद्द कर दिए, हालांकि शाम को उन्होंने वर्चुअल माध्यम से जिलों की पूजा समितियों का उद्घाटन किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, मुझे पता चला है कि कुछ राजनीतिक दल इस प्राकृतिक आपदा को भी राजनीति का मुद्दा बना रहे हैं, मैं उन्हें धिक्कार देती हूं। उन्होंने कहा कि प्रकृति को कोई नियंत्रित नहीं कर सकता और शिष्टाचार की भी एक सीमा होती है।

मुख्यमंत्री ने शहर में जलजमाव की जिम्मेदारी लेने के साथ स्पष्ट किया कि बंगाल का पानी बंगाल संभाल लेगा, हमारे पास उसकी क्षमता है। लेकिन जो पानी बाहर से आ रहा है, उसे रोकना किसी के बस की बात नहीं है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अब तक 5.5 लाख से अधिक तालाबों की खुदाई करवा चुकी है।

सीएम ने यह भी कहा कि लगातार 4-5 महीने से बारिश हो रही है, जिससे गर्मी और शरद ऋतु भी मानसून में बदल गई हैं। साथ ही इस बार पूजा जल्दी आ जाने से स्थितियां और बिगड़ी हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर फरक्का में 15 वर्षों से ड्रेजिंग न करने का आरोप लगाया, जिससे हर साल दक्षिण बंगाल जलमग्न हो जाता है।

साथ ही मेट्रो परियोजनाओं को लेकर भी नाराजगी जताई कि उनकी वजह से नालियों में रुकावट आई है। खुले बिजली तारों के कारण हुई मौतों पर उन्होंने दुख जताया और सीईएससी को सभी तार तुरंत हटाने का निर्देश दिया। उन्होंने सीईएससी को मृतकों के परिजनों के लिए कम से कम 5 लाख रुपये मुआवज़े की बात कही और भरोसा दिलाया कि सरकार हर परिवार के साथ खड़ी है।

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