
कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अतीत में कई बार नवान्न की कार्यसंस्कृति को लेकर असंतोष जताया था। पहले भी वे बिना किसी को बताए विभिन्न विभागों का निरीक्षण करने पहुँच चुकी हैं। मंगलवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। दोपहर करीब 12 बजे नवान्न पहुँचने के बाद मुख्यमंत्री अचानक वित्त विभाग जा पहुँचीं। सबसे पहले वे वित्त सचिव के कक्ष में गईं, फिर कुछ देर कॉरिडोर का निरीक्षण किया और विभाग (ई गवर्नेंस शाखा) के कर्मचारियों से बातचीत की। कर्मचारियों के अनुरोध पर उन्होंने उनके साथ फोटो भी खिंचवाया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से बातचीत कर यह जानने की कोशिश की कि कामकाज कैसा चल रहा है और कहीं कोई दिक्कत तो नहीं है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री लगभग 7 मिनट तक 12वीं मंज़िल पर रहीं और फिर कर्मचारियों से बातचीत के बाद सीधे 14वीं मंज़िल स्थित अपने कार्यालय में चली गईं। राजनीतिक हलकों में बार-बार इस तरह मुख्यमंत्री के विभागीय दौरे को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वित्त विभाग की कार्यसंस्कृति से संतुष्ट नहीं हैं मुख्यमंत्री
गौरतलब है कि पिछले जनवरी माह में एक प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने वित्त सचिव प्रभात मिश्र से विभाग की कार्यसंस्कृति को लेकर सवाल किये थे। उन्होंने कहा था, 'विभाग के प्रमुख सचिव प्रभात मिश्रा एक सज्जन व्यक्ति हैं।' इसके बाद उन्होंने जोड़ा, 'आपकी जो टीम है, उसमें दो-एक को छोड़कर ज्यादातर वामपंथी विचारधारा वाले हैं। उन्होंने इस जगह को अलीमुद्दीन स्ट्रीट (सीपीएम मुख्यालय) बना दिया है। जरूरत पड़े तो आप नयी सक्षम टीम लेकर आइये।' मुख्यमंत्री ने आगे कहा था, 'मैंने खुद अचानक दौरा कर देखा है — फाइलों का ढेर लगा रहता है और चर्चा होती है कि मीटिंग और रैली कैसे आयोजित की जाए।' प्रशासनिक बैठक में दिए गए संकेतों से यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वित्त विभाग की कार्यसंस्कृति से संतुष्ट नहीं हैं। इसी कारण वे बार-बार वहाँ का निरीक्षण कर रही हैं। अब देखने वाली बात यह है कि क्या मुख्यमंत्री के इस तरह पहुँचने से वास्तव में कार्यसंस्कृति में कोई बदलाव आता है या नहीं।