कोलकाता: इस वर्ष दीघा में पहली बार रथयात्रा का आयोजन होने जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रथ उत्सव के मद्देनजर सुरक्षा, यातायात और भीड़ प्रबंधन को लेकर राज्य सचिवालय नवान्न में करीब ढाई घंटे लंबी बैठक की। ममता के कहने पर बैठक शुरू होने से पहले सभी ने अहमदाबाद में हुए विमान हादसे पर अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए दो मिनट का मौन रखा। सीएम ने अनुमान जताया कि 27 जून को रथयात्रा के अवसर पर दीघा में 2 लाख से अधिक श्रद्धालु जुट सकते हैं। ऐसे में व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन विभाग और जनप्रतिनिधियों को मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया है। बैठक में राज्य प्रशासन और मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ इस्कॉन से राधारमण दास, रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम संघ समेत विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।
एक किलोमीटर लंबा रास्ते में रथ की रस्सी फैलायी जाएगी
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि राज्य के कोने-कोने से लाखों लोग रथयात्रा में दीघा आएंगे। सभी श्रद्धालुओं को रथ की रस्सी खींचने का मौका मिलना चाहिए। मंदिर से 'मासीबाड़ी' तक लगभग एक किलोमीटर लंबा रास्ता तय किया गया है, जहाँ रथ की रस्सी फैलाई जाएगी। लेकिन भीड़ में कोई दुर्घटना न हो, इसके लिए सुरक्षा बलों को पूरी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है। पता चला है कि सीएम ममता खुद 26 जून को दीघा पहुंचेंगी और अगले दिन 27 जून को रथयात्रा की शुरुआत सोने के झाड़ू से रथ मार्ग की सफाई के साथ करेंगी। वे खुद रस्सी भी खींचेगी। इसके बाद जगन्नाथ देव पुराने मंदिर, ‘मासीबाड़ी’ की ओर रवाना होंगे। 28 जून को मुख्यमंत्री कोलकाता लौट आएंगी।
सभी श्रद्धालुओं को रस्सी छूने की अनुमति होगी
भीड़ नियंत्रण को लेकर इस बार विशेष तैयारी की जा रही है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए रथ खींचने का समय तय किया जाएगा। सभी को रस्सी छूने की अनुमति होगी, लेकिन रथ के आगे सिर्फ संत-महात्मा और कुछ विशेष स्वयंसेवक ही रहेंगे। इस्कॉन के राधारमण दास ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आम जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। दो लाख से अधिक लोगों के दीघा पहुंचने की संभावना को देखते हुए पुलिस, फायर ब्रिगेड और सभी जनप्रतिनिधियों को पूरी तरह सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। मंदिर के उद्घाटन की तरह ही रथ यात्रा के दिन भी व्यवस्था रहेगी। हालांकि इस बार लोग रथ खींचने में व्यस्त रहेंगे, इसलिए मुख्यमंत्री ने सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी करने का निर्देश दिया है। उस समय के लिए दीघा के सभी होटल बुक हो चुके हैं। इसलिए, उद्घाटन के समय की तरह कई 'हैंगर' स्थापित किए जाएंगे। 'मे आई हेल्प यू' कैंप पूरे दीघा में स्थित होगा। इसके अलावा चिकित्सा शिविर, जल टेंट, निःशुल्क प्रसाद वितरण और भोजन वितरण की भी व्यवस्था होगी।
पांच मंत्री करेंगे दीघा की विशेष निगरानी
मुख्यमंत्री ममता ने स्नेहाशीष चक्रवर्ती, चंद्रिमा भट्टाचार्य, पुलक रॉय, सुजीत बसु और अरूप विश्वास को विशेष जिम्मेदारी देते हुए रथ यात्रा के दौरान मौजूद रहने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय बारिश भी हो सकती है, इसलिए आपदा से निपटने के लिए विशेष उपाय किए जाएं। मुख्यमंत्री ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को विशेष टीमें बनाने का आदेश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी या खतरे का सामना न करना पड़े। बैठक में मुख्यमंत्री ने दीघा में होटल और परिवहन के विभिन्न साधनों- बसों, टोटो और ऑटो के किराए में वृद्धि पर अपना गुस्सा जाहिर किया। ममता ने निर्देश दिया कि इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि रथ के कारण दीघा में होटल या ऑटो-टोटो का किराया अत्यधिक न बढ़े।