निधि, सन्मार्ग संवाददाता
बारासात : लंबे समय से 'जंजाल नगरी' (कचरे का शहर) के उपनाम से जानी जाने वाली बारासात पालिका अब कचरा प्रबंधन की अपनी सबसे बड़ी चुनौती का स्थायी समाधान करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। पालिका इलाके में कचरे की बढ़ती समस्या को देखते हुए, प्रशासन ने कदंबगाछी पंचायत क्षेत्र में एक विशाल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिसका लक्ष्य अगले साल मार्च महीने तक इसे पूरी तरह से चालू करना है।
बारासात पालिका के नए चेयरमैन सुनील मुखर्जी ने इस परियोजना के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 'सूड़ा' (SUDA - State Urban Development Agency) और पालिका के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर उन्होंने हाल ही में प्लांट स्थल का गहन निरीक्षण किया है। चेयरमैन मुखर्जी ने कहा कि इस परियोजना के व्यवहार में लाए जाने को लेकर काम युद्धस्तर पर चल रहा है और इसके लिए सभी आवश्यक कागजी कार्यवाहियाँ पूरी कर ली गई हैं।
चेयरमैन ने जोर देकर कहा कि उनकी प्राथमिकता शहर को साफ-सुथरा बनाना है, जिसके लिए उन्होंने "क्लीन बारसात, ग्रीन बारसात" का नारा दिया है। उन्होंने बताया कि इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना पर ₹17 करोड़ रुपये से अधिक की भारी राशि खर्च की जा रही है।
प्लांट की क्षमता और लाभ:
यह सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट केवल कचरे के ढेर को खत्म नहीं करेगा, बल्कि इसे एक संसाधन में बदलेगा।
संशोधन क्षमता: इस अत्याधुनिक प्लांट में प्रतिदिन 220 टन सड़ने वाले और न सड़ने वाले कचरे को संशोधित (प्रोसेस) किया जाएगा।
उत्पादन: संशोधित किए गए कचरे से उच्च गुणवत्ता वाली जैविक खाद (Organic Fertilizer) तैयार की जाएगी।
आर्थिक लाभ: नगरपालिका इस तैयार जैविक खाद को खुले बाजार में बेचेगी, जिससे पालिका को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
चेयरमैन मुखर्जी ने बताया कि प्लांट में फिलहाल रंगाई का कार्य चल रहा है और जल्द ही शेड लगाने का काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने आगामी जनवरी महीने में प्लांट का 'ट्रायल रन' (परीक्षण संचालन) करने की योजना बनाई है। उनका अंतिम लक्ष्य मार्च महीने तक इसे पूरी तरह से चालू कर देना है, जिससे बारासात के निवासियों को कचरे की समस्या से स्थायी रूप से मुक्ति मिल सके। चेयरमैन ने नागरिकों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि इसमें कोई समझौता नहीं किया जाएगा।