

नई दिल्लीः चिदंबरम ने विधेयकों के नाम में हिंदी शब्दों के इस्तेमाल की आलोचना कीकांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने विधेयकों के शीर्षकों में हिंदी शब्दों के उपयोग की सरकार की ‘‘बढ़ती प्रवृत्ति’’ की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह बदलाव गैर-हिंदी भाषी लोगों के लिए ‘‘अपमानजनक’’ है।
चिदंबरम ने कहा कि गैर-हिंदी भाषी लोग ऐसे विधेयक/अधिनियमों को नहीं पहचान सकते जिनके शीर्षक हिंदी शब्दों में अंग्रेजी अक्षरों में लिखे गए हों और वे उनका उच्चारण भी नहीं कर सकते।
दिक्कत नहीं तो बदलाव क्यों
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सोमवार देर रात कहा, ‘‘संसद में पेश किए जाने वाले विधेयकों के शीर्षक में सरकार द्वारा हिंदी शब्दों को अंग्रेजी अक्षरों में लिखने के बढ़ते चलन का मैं विरोध करता हूं।’’ चिदंबरम ने कहा कि अब तक यह प्रथा थी कि विधेयक के अंग्रेजी संस्करण में शीर्षक अंग्रेजी शब्दों में और हिंदी संस्करण में हिंदी शब्दों में लिखा जाता था।
उन्होंने कहा, ‘‘जब 75 साल से इस प्रथा में किसी को कोई दिक्कत नहीं आई तो सरकार को बदलाव क्यों करना चाहिए?’’
सरकार का वादा टूटने के करीब
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह बदलाव गैर-हिंदी भाषी लोगों और उन राज्यों का अपमान है जिनकी आधिकारिक भाषा हिंदी के अलावा कोई अन्य भाषा है।’’ चिदंबरम ने कहा कि सरकारों ने लगातार दोहराया है कि अंग्रेजी एक सहयोगी आधिकारिक भाषा बनी रहेगी। कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘मुझे डर है कि यह वादा टूटने की कगार पर है।’’