

रायपुर : छत्तीसगढ़ में कथित कोयला घोटाले मामले में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के दो निलंबित अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में पदस्थ रहीं अधिकारी सहित छह लोग शनिवार को जेल से रिहा हो गये।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने संवाददाताओं को बताया कि आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और रानू साहू, पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव के रूप में तैनात रहीं सौम्या चौरसिया तथा तीन अन्य को जमानत मिलने के बाद शनिवार को रायपुर केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया। उन्होंने बताया कि शीर्ष न्यायालय ने कुल आठ लोगों को अंतरिम जमानत दी है। उनमें से अब तक छह लोगों को रिहा कर दिया गया है जबकि दो अन्य सूर्यकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर को उनके खिलाफ लंबित अन्य मामलों के कारण रिहा नहीं किया गया है।
वर्ष 2022 से कथित कोयला वसूली घोटाले में धन शोधन के पहलू की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अक्टूबर 2022 में विश्नोई को तथा उसी वर्ष दिसंबर में चौरसिया को गिरफ्तार किया था। ईडी ने साहू को जुलाई, 2023 में गिरफ्तार किया था। रिजवी ने कहा कि तीनों अधिकारियों को कथित कोयला शुल्क घोटाले से संबंधित दो मामलों में अंतरिम जमानत दी गयी है। उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता के पीठ ने गत गुरुवार (29 मई) को अंतरिम जमानत देते हुए अभियुक्तों पर कई शर्तें लगायीं और राज्य सरकार से गवाहों में भरोसा पैदा करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।