चार्ल्स कोरिया केवल वास्तुकार ही नहीं, अंतरिक्ष के दार्शनिक भी थे : ऑस्ट्रेलियाई वास्तुकार पीटर

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चार्ल्स कोरिया केवल वास्तुकार ही नहीं, अंतरिक्ष के दार्शनिक भी थे : ऑस्ट्रेलियाई वास्तुकार पीटर
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कोलकाता : अंबुजा नियोटिया ने शनिवार को चार्ल्स कोरिया फाउंडेशन के सहयोग से रॉयल बंगाल रूम, सिटी सेंटर साल्ट लेक में चार्ल्स कोरिया मेमोरियल लेक्चर के 8वें संस्करण की मेजबानी की। महान भारतीय वास्तुकार चार्ल्स कोरिया की याद में आयोजित इस कार्यक्रम में कोरिया की स्थायी विरासत का जश्न मनाने के लिए प्रतिष्ठित व्यक्तित्व और वास्तुकला और डिजाइन समुदाय के सदस्य एक साथ जमा हुए। इस समारोह में प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई वास्तुकार पीटर स्टचबरी ने एक आकर्षक मुख्य भाषण दिया।

पीटर अपने प्रासंगिक, पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और काव्यात्मक डिजाइन दर्शन के लिए विश्व स्तर पर जाने जाते हैं। कोरिया के प्रभाव पर विचार करते हुए, स्टचबरी ने कहा, उसी शहर में 8वां चार्ल्स कोरिया मेमोरियल लेक्चर देना बहुत सम्मान की बात है, जहां उनकी असाधारण दृष्टि का एक हिस्सा सिटी सेंटर के नाम से जीवंत हुआ है। उन्होंने कहा चार्ल्स कोरिया केवल एक वास्तुकार ही नहीं थे, बल्कि वे अंतरिक्ष के दार्शनिक भी थे। पर्यावरण, स्थानीय संस्कृति और मानवीय स्थिति के प्रति गहरे सम्मान के साथ डिजाइनिंग के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता मेरे अपने अभ्यास की नींव को दर्शाती है।

उन्होंने आगे कहा, इस महत्वपूर्ण संवाद को बनाए रखने में उनके उल्लेखनीय दृष्टिकोण के लिए मैं हर्षवर्धन नियोटिया और अंबुजा नियोटिया समूह के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। एक विशेष संबोधन देते हुए रामप्रसाद अक्कीसेट्टी ने कोरिया के साथ अपने व्यक्तिगत और पेशेवर संबंधों पर अपने विचार पेश किए। उन्होंने कहा, मेरे लिए चार्ल्स कोरिया एक वास्तुकार से कहीं अधिक थे। वे एक मार्गदर्शक थे, जिनका काम संरचनाओं से परे भारत की आत्मा को मूर्त रूप देने के लिए था।

इस अवसर अंबुजा नियोटिया के अध्यक्ष हर्षवर्धन नियोटिया ने कहा, चार्ल्स कोरिया के साथ उन्होंने एक लंबा सफर तय किया है। उन्होंने सिटी सेंटर जैसा एक बेहतर तोहफा उन्हें दिया है। चार्ल्स कोरिया ने ही सिटी सेंटर का डिजाइन किया है। वे केवल एक वास्तुकार ही नहीं थे; वे एक दूरदर्शी थे जिन्होंने अपने मानव-केंद्रित और पर्यावरण-संवेदनशील डिजाइनों के साथ आधुनिक भारतीय वास्तुकला को गहराई से आकार दिया। यह व्याख्यान वास्तुकारों की अगली पीढ़ी को प्रेरित करेगी। आर्किटेक्ट, लेखक और वार्षिक चार्ल्स कोरीया मेमोरियल के मुख्य आयोजक आशीष आचार्जी ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस मौके पर मधु नियोटिया भी मौजूद रहीं।

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