देश में पहली बार जातिगत जनगणना होगी

बिहार चुनाव से पहले केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, विपक्ष ने अपनी जीत बताया
देश में पहली बार जातिगत जनगणना होगी
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दिल्ली ब्यूरो, नयी दिल्ली : देश में आजादी के बाद पहली बार ‘पारदर्शी तरीके से’ जातीय जनगणना की जाएगी। बिहार चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि इस बार की जनगणना में जातीय जनगणना शामिल होगी। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में लिया गया। केंद्र सरकार ने, साथ ही जाति आधारित सर्वेक्षण को ‘राजनीतिक हथियार’ के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया।

वहीं, विपक्षी दलों ने इस निर्णय को अपनी जीत बताया है, क्योंकि वे लंबे समय से इसकी मांग उठा रहे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हमने सरकार को इसके लिए मजबूर कर दिया, हम फैसले का समर्थन करते हैं, इसके लिए समयसीमा तय होनी चाहिए। राजद के मुखिया लालू यादव ने भी इसे अपनी जीत बताया।

अब तक होते थे जातीय सर्वे

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे समाज आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से मजबूत होगा, देश की निर्बाध प्रगति होगी। वैष्णव ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से आज तक भारत में जितनी भी जनगणना हुई हैं, उनमें कभी भी जातीय जनगणना नहीं की गयी है। कांग्रेस ने कभी जातीय जनगणना नहीं करवायी, बल्कि जातीय सर्वे करवाए हैं जिससे समाज में शंकाएं पैदा हुई हैं।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में भरोसा दिलाया था कि जाति जनगणना पर विचार किया जाएगा। इसके बाद इस पर एक मंत्रिमंडल समूह का गठन किया गया। इसके बाद भी कांग्रेस ने जातीय जनगणना नहीं करवायी।वैष्णव ने कहा विपक्षी दलों विशेषकर इंडी गठबंधन ने जाति जनगणना को राजनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग किया है। जनगणना केंद्रीय सूची का विषय है, ये संविधान के अनुच्छेद 246 केंद्रीय सूची में 69 नंबर पर अंकित है। जबकि कुछ राज्यों ने गैर पारदर्शी तरीके और राजनीतिक दृष्टि से जाति सर्वे करवाए जिससे समाज में भ्रांतियां फैली हैं।

गुवाहाटी से सिल्चर 4 लेन सड़क

बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में दो महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। गन्ने का मूल्य 355 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है जो कि पिछले साल तक 173 रुपये प्रति क्विंटल था। शिलांग से सिलचर तक 168.80 किलोमीटर लंबी चार लेन सड़क बनाए जाने की परियोजना को मंजूरी दी गयी। लगभग 22,864 करोड़ की इस परियोजना से गुवाहाटी से सिल्चर तक जाने वाले यातायात के लिए ग्रीनफील्ड हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इससे पूर्वोत्तर राज्यों में कनेक्टिविटी बढेगी।

चुनावी मुद्दा था जातीय जनगणना

कांग्रेस सहित विपक्षी दल देशव्यापी जातिगत गणना कराने की मांग कर रहे हैं और इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना रहे हैं। तत्कालीन महागठबंधन सरकार के दौरान बिहार में तथा तेलंगाना और कर्नाटक जैसे कुछ गैर-भाजपाई राज्यों में जाति आधारित सर्वेक्षण भी कराए गए हैं।

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