नयी दिल्ली : अमरनाथ यात्रा के लिए ड्यूटी पर जा रहे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 1200 जवानों ने ट्रेन की खराब हालत देखते हुए चढ़ने से इनकार कर दिया। पांच दिन पुराने इस मामले में रेल मंत्रालय ने 4 रेल अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
बदहाल थी ट्रेन
रिपोर्ट के अनुसार गत 6 जून को जवानों को त्रिपुरा से अमरनाथ जाना था। नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) ने जो ट्रेन जवानों को मुहैया करायी उसमें खिड़कियां-दरवाजे टूटे थे। ट्रेन का वीडियो भी अब सामने आया है। इसमें टॉयलेट टूटा है, लाइट नहीं है। सीटों पर गद्दियां भी गायब हैं। फर्श पर कॉकरोच दिखाई दे रहे हैं। जवानों के इनकार के बाद 10 जून को दूसरी ट्रेन मुहैया करायी गयी। जवानों को अमरनाथ तीर्थयात्री ड्यूटी के लिए कश्मीर पहुंचना था। जिस ट्रेन से उन्हें जाना था, उसका बीएसएफ के कंपनी कमांडर ने निरीक्षण किया।
ट्रेन की हालत देखकर वे हैरान रह गये जवान
ट्रेन की हालत देखकर वे हैरान रह गये। ट्रेन के डिब्बों की हालत काफी खराब थी। इसका इस्तेमाल जवानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए नहीं किया जा सकता। जांच के बाद पता चला कि डिब्बों का महीनों से इस्तेमाल नहीं हुआ। हर डिब्बे में जगह-जगह टूटे-फूटे सामान पड़े थे। ट्रेन की खिड़कियों व दरवाजों में छेद थे। अधिकांश सीटों पर गंदगी फैली हुई थी। ट्रेन के कई डिब्बों में बल्ब या बिजली कनेक्शन नहीं था।
रेलवे अधिकारी ने कहा : आपत्ति के बाद दूसरी ट्रेन मुहैया करायी गयी
भारतीय रेलवे के एनएफआर जोन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 6 जून को रवाना होने वाली ट्रेन को रद्द कर दिया गया है। कारण यह है कि बीएसएफ ने ट्रेन की खामियों पर कड़ी आपत्ति जतायी थी। इसके चलते अब उन्हें दूसरी ट्रेन दी गयी है। नयी ट्रेन मंगलवार को रवाना की गयी।
3 जुलाई से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा, 38 दिन चलेगी
अमरनाथ यात्रा पहली बार 38 दिन की हो रही है। यह 3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी। नौ अगस्त को छड़ी मुबारक के साथ रक्षाबंधन के दिन पूरी होगी। इस साल यात्रा की अवधि पिछले साल के 52 दिन के मुकाबले घटाकर 38 दिन कर दी गयी है। काफिले की सुरक्षा के लिए पहली बार जैमर लगाये जा रहे हैं, जिसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) सुरक्षा प्रदान करेगी। सशस्त्र बलों की 581 कंपनियां तैनात की जायेंगी। लगभग 42000 से 58,000 जवान तैनात होंगे।