जम्मू : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के ‘जम्मू फ्रंटियर’ के महानिरीक्षक (आईजी) शशांक आनंद ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता, इसलिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी है और बल ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपनी चौकसी में कोई कमी नहीं आने दी है। आनंद ने सीमा रेखा से घुसपैठ की कोशिशों की आशंका जताते हुए कहा कि बीएसएफ ‘हाई अलर्ट’ पर है।
सीमा पर उच्चस्तर की अभियानगत तैयारियां
आनंद ने यहां ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एक प्रेस कांफ्रेंस में पाकिस्तान की गोलाबारी की आड़ में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आतंकियों की घुसपैठ की आशंका और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद उठाये गये सुरक्षा उपायों के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि सीमा पर उच्चस्तर की अभियानगत तैयारियां की गयी हैं। ऐसी सूचना मिली थी कि दुश्मन किसी तरह की शरारत, सीमा पार से गोलीबारी या घुसपैठ की योजना बना सकता है। हम तैयार और सतर्क हैं।
'पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता'
आईजी ने कहा कि पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी है। बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैयार और सतर्क है। हम सीमा पर उच्च सतर्कता बनाये रखने के लिए मजबूत निगरानी प्रणाली अपना रहे हैं। आनंद ने कहा कि सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी सहित बीएसएफ की महिला कर्मियों ने अग्रिम चौकियों पर तैनात होकर अनुकरणीय साहस दिखाया है। हम सांबा सेक्टर में एक चौकी का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और दो अन्य चौकियों के नाम शहीदों के नाम पर रखने का प्रस्ताव रख रहे हैं।
40-50 आतंकियों ने की थी घुसपैठ की कोशिश
उन्होंने बताया कि बल ने गोलाबारी के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 40 से 50 संदिग्ध आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को विफल किया था। गत सात फरवरी को जम्मू फ्रंटियर की कमान संभालने वाले आनंद ने 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद बीएसएफ की कड़ी प्रतिक्रिया पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद जवाबी कार्रवाई स्पष्ट थी। पुंछ और राजौरी में नियंत्रण रेखा और जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हमने आक्रामक रुख अपनाया। पाकिस्तानी रेंजर्स ने खुद को चौकियों तक सीमित रखा जबकि बीएसएफ अग्रिम मोर्चे पर रहा। बीएसएफ ने अखनूर, सांबा और आरएसपुरा सेक्टर में लोनी और मस्तपुर सहित कई आतंकी ‘लॉन्च पैड’ नष्ट कर दिये।