
कोलकाता - स्तनपान कराना मां का कर्तव्य एवं स्तनपान करना बच्चे का अधिकार है। इससे दोनों को शारीरिक व मानसिक लाभ मिलता है। यह दोनों को स्वस्थ रखता है। इस संदर्भ में आस्टे्रलिया के टेलेथान इंस्टीट्यूट के शोध अध्ययन के मुताबिक जो शिशु कम से कम छह माह स्तनपान करता है, उसका मानसिक विकास अधिक होता है। वह भविष्य में आने वाले तनाव को बहुत कुशलता के साथ सामना करता है। इसके अलावा उसे मानसिक बीमारियां लगने की संभावना भी काफी कम होती है। इससे मां व शिशु के बीच संबंध प्रगाढ़ बनता है। यहां यह ध्यान देने योग्य बात है कि शिशु को छह माह से कम समय तक स्तनपान कराने से उसका स्वास्थ्य सदैव कमजोर रहता है।