ब्राजील : राष्ट्रपति लूला ने आदिवासियों और अश्वेतों के आरक्षण में वृद्धि की

रार्ष्टपति इनासियो ने उठाया काफी बड़ा कदम
ब्राजील : राष्ट्रपति लूला ने आदिवासियों और अश्वेतों के आरक्षण में वृद्धि की
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साओपाउलो : ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा ने देश की ठोस कार्रवाई नीतियों का विस्तार करने के लिए एक नए कानून पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत सरकारी नौकरियों में अश्वेतों के लिए आरक्षण 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। नये कानून के तहत अब इसका लाभ मूल निवासियों और ब्राजील में गुलामी के लिए लाए गए अफ्रीकी लोगों के वंशजों को भी मिलेगा।

कानून में किये गए बदलाव के तहत यह आरक्षण नीति ब्राजील के संघीय प्रशासन, एजेंसियों, सार्वजनिक संस्थाओं, सार्वजनिक कंपनियों और राज्य द्वारा संचालित मिश्रित पूंजी वाली कंपनियों में स्थायी और सार्वजनिक रोजगार पदों पर लागू होगी। कांग्रेस (संसद) द्वारा अनुमोदित इस कानून के तहत इस आरक्षण नीति की 2035 में समीक्षा की जाएगी।

लूला ने राजधानी ब्रासीलिया स्थित राष्ट्रपति प्रासाद में कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि इस देश को एक दिन ऐसा समाज मिले जो इसके सार्वजनिक कार्यालयों, अभियोक्ताओं के कार्यालय, विदेश मंत्रालय, अटॉर्नी जनरल के कार्यालय, आंतरिक राजस्व सेवा, हर जगह प्रतिबिंबित हो। हमारे यहां (प्रशासन एवं सार्वजनिक प्रतिष्ठानों) अब भी बहुत कम महिलाएं हैं, बहुत कम अश्वेत लोग हैं, लगभग कोई भी मूल निवासी नहीं है।’

ब्राजील में सरकारी नौकरियों के लिए नस्लीय आधार पर आरक्षण देने के लिए 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ के कार्यकाल में पहला कानून पारित किया गया था। ब्राजील की सरकार के मुताबिक देश की 55 प्रतिशत आबादी अश्वेत या मिश्रित नस्ल के लोगों की है। इसके साथ ही गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 70 प्रतिशत से ज्यादा ब्राज़ीलवासी भी अश्वेत या मिश्रित नस्ल के हैं, जबकि इन नस्लों के केवल एक प्रतिशत लोग ही निजी क्षेत्र में नेतृत्व के पदों पर हैं।

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