अभिनेता असरानी की मौत से शोक में डूबा बॉलीवुड, पीएम मोदी ने भी जताया दुख

actor govardhan asrani died
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नई दिल्ली: फिल्म ‘शोले’ में सनकी जेलर की भूमिका निभाकर दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाने वाले और हास्य भूमिकाओं के लिए मशहूर दिग्गज अभिनेता असरानी अब नहीं रहें। 84 वर्षीय असरानी का सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। इस बात की जानकारी उनके मैनेजर ने दी।

पांच दशकों से अधिक समय तक कई फिल्मों में काम करने वाले असरानी के नाम से मशहूर अभिनेता गोवर्धन असरानी को शोले, नमक हराम और गुड्डी में उनके किरदारों के लिए याद किया जाता है। उनका निधन सोमवार को अपराह्न तीन बजे हुआ। चार दिन पहले उन्हें उपनगरीय जुहू स्थित भारतीय आरोग्य निधि अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

असरानी के मैनेजर बाबूभाई थिबा ने बताया कि वह थोड़े अस्वस्थ थे। सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें भर्ती कराया गया था। आज अपराह्न तीन बजे उनका निधन हो गया। चिकित्सकों ने हमें बताया कि उनके फेफड़ों में पानी जमा हो गया था। असरानी ने अपने पांच दशक से ज़्यादा के करियर में 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने ज्यादातर चरित्र भूमिकाएं निभाईं और अपनी बेजोड़ हास्य टाइमिंग के कारण दर्शकों में काफी लोकप्रिय रहे।

‘अंग्रेजों के जमाने के जेलर’ डायलॉग बना सुपरहिट

उनका डायलॉग, ‘हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं’ आज भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। फिल्म ‘शोले’ में निभाया गया उनका हास्य किरदार द ग्रेट डिक्टेटर के चार्ली चैपलिन पर आधारित था। असरानी ने अपने पांच दशक लंबे करियर के हर दौर में कुछ सबसे बड़े निर्देशकों के साथ काम किया और लगभग हर बड़े सितारे के साथ उन्होंने अदाकारी के जौहर बिखेरे, चाहे वह राजेश खन्ना हों, अमिताभ बच्चन हों, आमिर खान हों या कोई और। एफटीआईआई से प्रशिक्षण प्राप्त होने के बावजूद, असरानी हास्य भूमिकाओं तक ही बंधे रहे, जहां वह अक्सर नायक के दोस्त की भूमिका निभाते थे।

उनकी पहली फिल्म थी हरे कांच की चूड़ियां

उन्हें सबसे पहले ‘आज की ताज़ा ख़बर’ में उनकी भूमिका के लिए पहचाना गया। उनकी एक और यादगार भूमिका ‘छोटी सी बात’ में एक ऐसे शख्स की है जो एक महिला को प्रभावित करने के लिए नायक से प्रतिस्पर्धा करता है। असरानी ने हिंदी सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत 1967 में आई फिल्म हरे कांच की चूड़ियां से की और उसके बाद कई फिल्मों में अभिनय किया। ऋषिकेश मुखर्जी उनके गुरु और मार्गदर्शक थे और उन्होंने हमेशा उन्हें अपनी फिल्मों में भूमिकाएं दीं।

उन्होंने गुलज़ार की कई फ़िल्मों जैसे मेरे अपने, कोशिश और परिचय में भी अभिनय किया। असरानी की अन्य लोकप्रिय भूमिकाएं "बावर्ची", "अभिमान", "दो लड़के दोनो कड़के" और "बंदिश" जैसी फिल्मों में थीं। 'चुपके-चुपके', 'रफू चक्कर', 'बालिका बधू', 'हीरालाल पन्नालाल', 'पति पत्नी और वो' भी ऐसी फिल्में हैं, जिनमें असरानी ने अपनी बेहतरीन कॉमिडी टाइमिंग से प्रशंसकों को प्रभावित किया। उन्होंने 2000 के दशक में फिल्मकार प्रियदर्शन के साथ उनकी कई फिल्मों में काम किया। इनमें "हेरा फेरी", "चुप चुप के", "हलचल", "भूल भुलैया" और "कमाल धमाल मालामाल" जैसी निर्देशक की कई कॉमेडी फिल्म शामिल हैं।

कुछ फ़िल्मों में उन्होंने अपनी लोकप्रिय छवि के विपरीत जाकर नकारात्मक भूमिकाएं भी निभाईं, जैसे "चैताली" और "कोशिश" में। उन्होंने "चला मुरारी हीरो बनने" नामक फ़िल्म का निर्देशन भी किया। साल 2017 में एक इंटरव्य में, असरानी ने रंगमंच के प्रति अपने प्रेम को बताया और कहा कि रंगमंच कैसे कलाकारों को अपनी कला को निखारने में मदद करता है। उन्हें लगता था कि दर्शक सिनेमा प्रयोग को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने उस समय कहा था कि यह अच्छी बात है कि लोग सिनेमा के साथ प्रयोग कर रहे हैं। वे गंभीर और भावपूर्ण सिनेमा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसी फिल्में सिनेमाघरों में एक हफ्ते से ज्यादा नहीं टिकतीं। लोग आख़िरकार सलमान, शाहरुख और आमिर खान की फिल्में ही देखने जाते हैं। गुणवत्तापूर्ण सिनेमा से कुछ नहीं बदल रहा है।

ऐसे किया गया अंतिम संस्कार

वैसे उनका अंतिम संस्कार आज शाम सांताक्रूज श्मशान घाट पर किया गया, जिसमें परिवार और करीबी मित्र शामिल हुए। थिबा ने कहा कि हमने उनके निधन के बारे में किसी को सूचित नहीं किया, क्योंकि उनकी इच्छा थी कि हम इसे निजी रखें। असरानी के परिवार में उनकी पत्नी हैं। फिल्म जगत के कई लोगों ने अभिनेता के निधन पर शोक व्यक्त किया।

कई फिल्मों में असरानी के सह-कलाकार रहे अक्षय कुमार ने उनके बारे में एक भावुक नोट लिखते हुए कहा कि असरानी जी के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। एक हफ़्ते पहले ही 'हैवान' की शूटिंग के दौरान हमने एक-दूसरे को गले लगाया था। बहुत प्यारे इंसान थे... उनकी कॉमिक टाइमिंग लाजवाब थी। उन्होंने असरानी की तस्वीर के साथ साझा किए पोस्ट में कहा कि मेरी सभी चर्चित फ़िल्मों 'हेरा फेरी' से लेकर 'भागम भाग', 'दे दना दन', 'वेलकम' और अब हमारी रिलीज़ न हुई 'भूत बंगला' और 'हैवान' तक... मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा और काम किया है। हमारे सिने जगत के लिए यह बहुत बड़ा नुकसान है। असरानी सर, हमें हंसने के लाखों कारण देने के लिए ईश्वर आपको आशीर्वाद दे। ओम शांति।

फिल्म निर्माता अनीस बज्मी ने उनके पर्दे पर और पर्दे के पीछे के संबंधों को याद किया। बज्मी ने कहा कि मुझे बहुत दुख हुआ। वह एक शानदार अभिनेता और उतने ही बेहतरीन इंसान थे। उनके साथ काम करना एक सुखद अनुभव है, वह हमें पर्दे के पीछे भी हंसाते थे, पर्दे पर भी उन्होंने हमारा भरपूर मनोरंजन किया है। गीतकार और कवि मनोज मुंतशिर ने असरानी के निधन पर दुख जताया है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन ने असरानी के प्रति अपना स्नेह व्यक्त किया और उन्हें भारतीय सिनेमा का "सच्चा प्रतीक" बताया।

पीएम मोदी ने भी जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिनेता गोवर्धन असरानी के निधन पर मंगलवार को शोक व्यक्त किया और उन्हें बहुमुखी प्रतिभा वाले कलाकार के रूप में याद किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि गोवर्धन असरानी जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूं। वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी कलाकार थे और उन्होंने हर आयु वर्ग के दर्शकों का मनोरंजन किया। उन्होंने (असरानी ने) अपने अविस्मरणीय अभिनय से अनगिनत लोगों के जीवन में खुशियां भरीं। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।

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