नयी दिल्ली : ब्रिटेन के नागर विमानन प्राधिकरण (सीएए) ने अहमदाबाद विमान हादसे के चार हफ्ते पहले बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच को लेकर को लेकर अलर्ट जारी करते हुए एअरलाइनों से कहा था कि वे अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) की उस निर्देश का पालन करें जिसमें बोइंग 737, 757, 767, 777 और 787 विमानों में फ्यूल शटऑफ वॉल्व एक्ट्यूएटर्स को संभावित खतरे से आगाह किया गया था।
‘जांच करें, जरूरत हो तो बदलें या मरम्मत करें’
सीएए ने मंगलवार को उक्त खुलासा करते हुए बताया कि उसने ब्रिटेन आने वाली सभी उड़ानों को आदेश भी दिया था कि वे इन फ्यूल शटऑफ वॉल्व की जांच करें, जरूरत हो तो बदलें या मरम्मत करें और रोजाना जांच को अनिवार्य रूप से करें। दरअसल अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट एआई 171 टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गयी थी। इसमें 270 लोगों की मौत हो गयी थी। फ्यूल शटऑफ वॉल्व एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपकरण है, जो जरूरत पड़ने पर इंजन में ईंधन की सप्लाई रोकता है। इसका इस्तेमाल इंजन में आग लगने, आपात लैंडिंग या रखरखाव के दौरान किया जाता है।
भारत में 5 साल में 65 उड़ानों के इंजन बंद हुए!
भारत में पिछले पांच साल में 65 विमानों में उड़ान के दौरान हवा में या टेकऑफ करते समय इंजन बंद (शटडाउन) हुए। इससे पता चलता है कि हर महीने कम से कम एक विमान का इंजन बंद हुआ हालांकि सभी मामलों में पायलट एक ही इंजन से विमान को नजदीकी हवाईअड्डे तक पहुंचाने में सफल रहे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डीजीसीए से सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत यह जानकारी दी है। आरटीआई रिपोर्ट से यह भी पता चला कि 1 जनवरी, 2024 से 31 मई, 2025 के बीच 17 महीनों में 11 उड़ानों से ‘मेडे’ कॉल आयीं। इनमें तकनीकी गड़बड़ी की सूचना देकर इमरजेंसी लैंडिंग की मांग की गयी। इनमें से चार विमानों ने हैदराबाद में लैंडिंग की। आरटीआई रिपोर्ट में 12 जून दुर्घटनाग्रस्त हुआ बोइंग ड्रीमलाइनर और 19 जून को इंडिगो की गुवाहाटी-चेन्नै फ्लाइट शामिल नहीं है।