

निधि, सन्मार्ग संवाददाता
बनगांव : बनगाँव के एक हाई स्कूल में शुक्रवार को परीक्षा की समाप्ति के बाद स्कूल के गेट पर हुई एक खूनी झड़प ने छात्रों की सुरक्षा और स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परीक्षा हॉल के भीतर शुरू हुआ एक छोटा सा विवाद स्कूल के बाहर चाकूबाजी तक पहुंच गया, जिसमें अपने दोस्त को बचाने आया एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया।
पुलिस के अनुसार, यह घटना बनगाँव के नगेंद्रनाथ हाई स्कूल में हुई। विवाद की जड़ नौवीं कक्षा की परीक्षा थी, जहां एक छात्र च्युइंगम खा रहा था। उसके सहपाठी ने इसकी शिकायत परीक्षक से करने की बात कही, जिस पर च्युइंगम खा रहे छात्र ने उसे परीक्षा के बाद 'देख लेने' की धमकी दी।
परीक्षा समाप्त होते ही, आरोपी छात्र तुहिन अपने कुछ साथियों के साथ स्कूल के गेट पर इंतजार करने लगा। जैसे ही शिकायत करने वाला सहपाठी स्कूल से बाहर निकला, तुहिन ने उसे पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। इसी बीच, नौवीं कक्षा का एक अन्य छात्र, सुनील दत्त, अपने दोस्त को बचाने के लिए बहादुरी दिखाते हुए बीच-बचाव करने पहुंचा।
आरोप है कि झगड़े के दौरान तुहिन ने अपने बैग से एक धारदार चाकू निकाला और सुनील दत्त की पीठ पर जानलेवा वार कर दिया। सुनील लहूलुहान होकर गिर पड़ा, जिसके बाद हमलावर छात्र तुहिन अपने साथियों के साथ मौके से फरार हो गया।
स्कूल प्रशासन की भूमिका पर गंभीर आरोप:
इस घटना का सबसे चौंकाने वाला पहलू स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया है। छात्रों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने गंभीर रूप से घायल सुनील दत्त को अस्पताल ले जाने या पुलिस को तुरंत सूचना देने के बजाय, केवल 'गार्जियन कॉल' करके मामले को निपटाने की कोशिश की और घायल छात्र को घर भेज दिया गया।
जब सुनील दत्त घर पहुंचा, तो उसके परिवार वाले उसे खून से लथपथ देखकर स्तब्ध रह गए। उन्होंने तत्काल सुनील को स्थानीय अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका प्राथमिक उपचार किया गया। परिजनों ने स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि छात्रों के बैग में चाकू जैसा हथियार कैसे पहुंच सकता है। उन्होंने स्कूल प्रशासन की लापरवाहीपूर्ण और गैर-जिम्मेदाराना भूमिका पर भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।
पुलिस ने घायल छात्र के परिवार की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस फरार आरोपी छात्र तुहिन की तलाश कर रही है और स्कूल गेट पर सुरक्षा व्यवस्था की कमी के पहलू को भी खंगाल रही है।