

सन्मार्ग संवाददाता
हुगली : डानकुनी नगर पालिका के 18 नंबर वार्ड की तृणमूल कांग्रेस काउंसिलर सूर्य दे का नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में मृत दर्शाए जाने के मामले ने राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर हलचल मचा दी है। इस घटना के विरोध में सूर्य दे ने कालीपुर श्मशान घाट पर प्रतीकात्मक प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
चुनाव आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित बीएलओ कुश हाजरा को शोकॉज नोटिस जारी किया है। नोटिस के माध्यम से बीएलओ से यह पूछा गया है कि ऐसी गलती कैसे हुई और इसे सुधारने के लिए क्या कार्रवाई की गई। इस कदम को प्रशासनिक दृष्टिकोण से आवश्यक माना गया है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की त्रुटियों से बचा जा सके।
सूर्य दे ने शोकॉज नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीएलओ पूरी तरह जिम्मेदार नहीं हैं। उनका कहना है कि इसी तरह कई अन्य वैध मतदाताओं के नाम भी सूची से हटाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला केवल व्यक्तिगत त्रुटि नहीं है, बल्कि सिस्टम में मौजूद कुछ तकनीकी खामियों का परिणाम है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर इस मुद्दे को सुलझाया जाएगा और सूची में सही नामों को वापस दर्ज कराया जाएगा।
इस घटना ने राजनीतिक दलों को भी सक्रिय कर दिया है। भाजपा ने मामले में षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए चंडीतल्ला-2 बीडीओ कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि मतदाता सूची में इस तरह की गलती केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि किसी नियोजित योजना का हिस्सा हो सकती है। उन्होंने इस मामले में पूरी और निष्पक्ष जांच की मांग की।
विशेषज्ञों का मानना है कि ड्राफ्ट सूची तैयार करते समय तकनीकी और मानवीय त्रुटियों की संभावना हमेशा रहती है। ऐसे मामलों में त्वरित सुधार और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। सूर्य दे की नाराजगी और राजनीतिक दलों के विरोध ने प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि शीघ्र ही मतदाता सूची में आवश्यक सुधार किया जाएगा।
इस पूरे मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मतदाता सूची में गलती केवल व्यक्तिगत नहीं होती, बल्कि यह प्रणालीगत सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है। जनता की सहभागिता और जागरूकता इस प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने में मदद कर सकती है।