

सन्मार्ग संवाददाता
बैरकपुर : नये श्रम कानून के विरोध में बुधवार को देशभर के दस श्रमिक संगठनों ने 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था। हालांकि बैरकपुर शिल्पांचल में केंद्रीय श्रमिक संगठनों के बुलायी गयी आम हड़ताल का कोई असर नहीं देखा गया। शिल्पांचल की प्रायः सभी जूट मिलें खुली रहीं। प्रायः सभी मिलों में ही श्रमिकों ने पहुंचकर काम किया। हालांकि देखा गया कि बंद के समर्थन में मिल गेट पर सीटू कर्मियों ने क्षोभ जताते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने बंद का समर्थन करने का श्रमिकों से आह्वान किया जबकि देखा गया कि मिल गेट पर बंद समर्थकों के विरोध प्रदर्शन को लेकर पहले से ही तृणमूल श्रमिक संगठन नेताओं की ओर से भी श्रमिकों के मिल में आकर काम करने का आह्वान किया गया। इस क्रम में भाटपाड़ा की रिलायंस जूट मिल के सामने सीटू द्वारा अवरोध की कोशिश की गई मगर वहां पहले से ही तृणमूल ट्रेड यूनियन द्वारा गेट पर उपस्थित होकर श्रमिकों को रोके जाने का प्रतिवाद किया गया। हालांकि श्रमिक निर्धारित समय पर ही जूट मिल में दाखिल हुए। बताया जा रहा है कि प्रायः सभी जूट मिलों में श्रमिक काम करने पहुंचे और कहीं काम प्रभावित नहीं हुआ। हालांकि सीटू नेता गार्गी चटर्जी ने कहा कि श्रमिकों को दबाव देकर बुलाया गया है। बंद को लेकर अखिल बंगाल तृणमूल जूट और टेक्सटाइल्स वकर्स यूनियन अध्यक्ष व दमदम-बैरकपुर जिला आइएनटीटीयूसी अध्यक्ष सोमनाथ श्याम ने कहा कि हम श्रमिकों के हित की लड़ाई के समर्थन में हैं मगर बंद कभी भी श्रमिकों के हित में नहीं है तो हमने कोशिश की है कि श्रमिकों को कहीं भी जबरन रोका न जा सके। शिल्पांचल में सभी जूट मिलों में ही श्रमिक काम करने पहुंचे थे। सुबह रिलायंस व हुकुमचंद जूट मिल गेट पर श्रमिकों को रोके जाने का प्रयास किया गया मगर यहां भी 90 प्रतिशत श्रमिकों ने पहुंचकर काम किया। उन्होंने कहा कि राज्यभर में 115 जूट मिलों में ही इसदिन काम हुआ, बंद का कोई असर नहीं दिखा क्योंकि श्रमिकों के हित की लड़ाई कभी भी उनको नुकसान पहुंचाकर नहीं की जा सकती है। उनके हितों की लड़ाई संसद में लड़ी जायेगी। वहीं बंद के समर्थन में वामपंथी कार्यकर्ता और समर्थक सड़कों पर उतरे। इस क्रम में बंद समर्थकों ने सियालहद मुख्य शाखा के बेलघरिया, बैरकपुर और श्यामनगर स्टेशनों पर ट्रेनें रोकीं। वे रेलवे ट्रैक पर बैठ गये और क्षोभ जताना शुरू कर दिया। बैरकपुर स्टेशन पर अवरोधकारियों को हटाने के दौरान रेलवे पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की भी हुई। वहीं इच्छापुर-श्यामनगर स्टेशन के बीच 20 नंबर रेलगेट इलाके में कुछ देर के लिए अवरोध किया गया नतीजतन दैनिक यात्रियों और कार्यालय कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। सुबह से हो रही बारिश और रेल अवरोध की स्थिति से यात्रियों को काफी दिक्कतें हुईं। सियालदह दक्षिण शाखा में भी कई जगहों पर ट्रेनों को रोकने की कोशिश की गई। वहीं