बंगाल के जननायकों का सम्मान नहीं करती भाजपा : सागरिका घोष

सागरिका घोष का आरोप: भाजपा ने देशबंधु चित्तरंजन दास को किया नजरअंदाज
Sagarika Ghosh
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नयी दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष ने भारतीय जनता पार्टी को ‘बंगाल विरोधी’ करार देते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल से भाजपा का कोई भी सांसद संसद के केंद्रीय कक्ष में नहीं पहुंचा, जहां देशबंधु चित्तरंजन दास की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक समारोह आयोजित किया गया था।

राज्यसभा में तृणमूल की उपनेता ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में भाजपा को ‘बंगाल विरोधी’ करार देते हुए लिखा ‘बंगाल में वोट पाने के लिए बेताब भाजपा से सवाल: आज सुबह संसद में देशबंधु चित्तरंजन दास के पुष्पांजलि समारोह में पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसद अनुपस्थित क्यों थे?’

उन्होंने कहा, ‘भाजपा का बंगाल के प्रति निंदनीय तिरस्कार फिर से सामने आया। तृणमूल कांग्रेस हमेशा बंगाल के महान लोगों का सम्मान करेगी और सदैव याद करती रहेगी।’ एक अन्य पोस्ट में, घोष ने चित्तरंजन दास की सराहना करते हुए उन्हें ‘बंगाल के प्रतीक, प्रतिभाशाली वकील और स्वतंत्रता संग्राम का नायक’ बताया।

गौरतलब है कि लोकसभा सचिवालय ने एक बयान में कहा कि बुधवार को संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में दास के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। कई सांसदों, पूर्व सांसदों, लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह और लोकसभा एवं राज्यसभा सचिवालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने दास को श्रद्धांजलि अर्पित की। लोकसभा सचिवालय द्वारा हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित दास के जीवन परिचय पर आधारित एक पुस्तिका समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को भेंट की गई।

कौन थे देशबंधु चित्तरंजन दास

देशबंधु के नाम से प्रसिद्ध चित्तरंजन दास एक स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिक कार्यकर्ता, वकील और सुभाष चंद्र बोस के गुरु थे। वह भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान अविभाजित बंगाल में स्वराज पार्टी के संस्थापक-नेता थे। 12 सितंबर, 1958 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने केंद्रीय कक्ष में उनके चित्र का अनावरण किया था। चित्तरंजन दास का जन्म 5 नवंबर 1870 को कोलकाता में हुआ था जबकि उनकी मृत्यु 16 जून 1925 को दार्जिलिंग में हुई।

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