बैंकाक : भारत और थाइलैंड ने अपने संबंधों को प्रगाढ़ कर रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने का गुरुवार को फैसला किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त, समावेशी और नियम आधारित व्यवस्था का समर्थन करते हैं तथा विस्तारवाद के बजाय विकास की नीति में विश्वास करते हैं।
द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा
मोदी ने यह टिप्पणी थाइलैंड की अपनी समकक्ष पैतोंगतार्न शिनावात्रा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में की। इस वार्ता के दौरान उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा की। मोदी ने शिनावात्रा के साथ हुई बातचीत के बारे में कहा कि हमने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और थाइलैंड के बीच पर्यटन, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर जोर दिया है। हमने आपसी व्यापार, निवेश और व्यवसायों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि एमएसएमई, हथकरघा और हस्तशिल्प में सहयोग के लिए भी समझौते किये गये हैं।
‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण
मोदी ने कहा कि भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण में थाइलैंड का विशेष स्थान है। उन्होंने कहा कि आज हमने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। सुरक्षा एजेंसियों के बीच ‘रणनीतिक वार्ता’ स्थापित करने पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि भारत आसियान में एकता और केंद्रीयता का पूर्ण समर्थन करता है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हम दोनों एक मुक्त, समावेशी और नियम-आधारित व्यवस्था का समर्थन करते हैं। हम विस्तारवाद नहीं, विकासवाद की नीति में विश्वास करते हैं।
‘रामायण’ भित्ति चित्रों पर आधारित एक विशेष डाक टिकट
उन्होंने कहा कि मैं अपनी यात्रा के अवसर पर 18वीं शताब्दी के ‘रामायण’ भित्ति चित्रों पर आधारित एक विशेष डाक टिकट जारी करने के लिए थाइलैंड सरकार का आभारी हूं। प्रधानमंत्री शिनावात्रा ने मेहमान प्रधानमंत्री को ‘त्रिपिटक’ भेंट किया। मोदी ने कहा कि भारत और थाइलैंड के बीच सदियों पुराने संबंध उनके गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक डोर से बंधे हैं। मोदी ने 28 मार्च को आये भूकंप के कारण हुई जानमाल की हानि पर भारतीयों की ओर से संवेदना भी व्यक्त की।
छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद श्रीलंका की यात्रा करेंगे
छठे बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे मोदी को पहले ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। उन्होंने रामकियेन (थाई रामायण) की मंत्रमुग्ध प्रस्तुति भी देखी। प्रधानमंत्री बाद में बिम्सटेक में शामिल थाइलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार और भूटान के नेताओं से मिलेंगे। थाइलैंड की यात्रा समाप्त करने के बाद वे श्रीलंका की यात्रा करेंगे। बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में मोदी, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस और म्यांमार में सैन्य शासन के प्रमुख मिन आंग हलिंग समेत विभिन्न नेता शिरकत करेंगे।