लद गये हुर्रियत के दिन, भारत में अपनी जगह बनायें कश्मीरी

पूर्व अलगाववादी नेता बिलाल गनी लोन की कश्मीरी युवाओं को सलाह
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बिलाल गनी लोन
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नयी दिल्ली : अलगाववाद से ‘विदा’ लेकर रजम्मू-कश्मीर में मुख्य धारा की राजनीति में शामिल हो चुके बिलाल गनी लोन ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को कश्मीर घाटी के लिए अब आप्रासंगिक करार देते हुए राज्य के युवाओं से अपील की है कि वे इससे दूर रहें। लोन ने साथ ही जम्मू-कश्मीर में हिंसा और गड़बड़ी फैलाने के लिए पाकिस्तान को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि वह कभी भी कश्मीर को अपने साथ नहीं जोड़ सकता।

अतीत को पीछे छोड़ आगे की सुध लें युवा

पूर्व अलगाववादी नेता तथा जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के संस्थापक लोन ने संवाद एजेंसी से एक खास इंटरव्यू में कहा कि अगर आप आज की तारीख में देखेंगे तो हुर्रियत मौजूदा कश्मीर में कहीं भी मौजूद नहीं है। इसका कुछ काम नहीं है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब राज्य के लोगों को हुर्रियत पर भरोसा था लेकिन वर्तमान की वास्तविकता बिल्कुल अलग है। हुर्रियत कहीं न कहीं लोगों का भरोसा बरकरार रखने में नाकामयाब रही।

भारत को राजनीतिक चश्मे से देखने की जरूरत नहीं

उन्होने कश्मीर की युवा पीढ़ी से कहा कि उनको भारत को राजनीतिक चश्मे से देखने की जरूरत नहीं है। भारत लड़ाई करने के लिए एक बहुत बड़ी ताकत है, जिन्होंने भी भारत से लड़ाई करने की कोशिश की है वे बुरी तरीके से हारे हैं। लोगों को यह स्वीकार कर लेना चाहिए। हमें भारत को भारत की तरह देखना होगा और अतीत को पीछे छोड़कर देश में अपने लिए जगह बनानी होगी।

‘कश्मीर में दरार पैदा करने की कोशिश न करे पाकिस्तान’

लोन ने कश्मीर में फैलने वाली अशांति के लिए पाकिस्तान को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हमने कई बयान सुने हैं लेकिन उनका कोई नतीजा सामने नहीं आया है। पाकिस्तान को कश्मीर में दरार पैदा करने के बजाय यहां के हालात को बेहतर बनाने के लिए मदद करनी चाहिए। लोन ने ताकत के दम पर कश्मीर को हासिल करने की पाकिस्तानी सोच को बेवकूफी करार देते हुए कहा कि यह पागलपन वाली सोच है। लोन ने कहा कि दोनों देशों के बीच में 48 घंटे की जंग हुई लेकिन कोई भी सेना एक इंच भी आगे नहीं बढ़ीं। कश्मीरियों की भलाई इसी में है कि वे कैसे भी करके इस हिंसा और अशांति के वातावरण से बाहर निकलें।

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