बिहार चुनाव : नीतीश की जीत में 'ममता मॉडल' का असर

'लक्ष्मी भंडार', 'कन्याश्री' से प्रेरित नीतीश की रणनीति
नीतीश कुमार और ममता बनर्जी
नीतीश कुमार और ममता बनर्जी
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कोलकाता: बिहार विधानसभा चुनाव में महिलाओं के बढ़े मतदान ने राजनीतिक रणनीतियों को नया आयाम दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 'लक्ष्मी भंडार', 'कन्याश्री' मॉडल को अपनाने की कोशिश की है, ताकि महिलाओं के वोट बैंक को मजबूत किया जा सके।

यह बदलाव राज्य की 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' का परिणाम है। चुनाव से पहले राज्य सरकार ने 1 करोड़ 21 लाख महिलाओं के बैंक खातों में सीधे 10,000 रुपये का अनुदान दिया। यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल करने के उद्देश्य से लागू की गयी। इसका असर मतदान में साफ दिखा, जहां महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक वोट डाले और उनका वोटिंग प्रतिशत 12 प्रतिशत बढ़ा।

ममता बनर्जी ने पहले ही बंगाल में 'लक्ष्मी भंडार' और 'कन्याश्री' योजना लागू कर महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत किया और उनका जनाधार बढ़ाया। बिहार में नीतीश कुमार ने इसी रणनीति को अपनाकर महिलाओं को चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से जोड़ने की कोशिश की, जिससे उनके पक्ष में मतदान बढ़ा।

विश्लेषकों के अनुसार, यह स्पष्ट संकेत है कि महिलाओं की भागीदारी अब चुनावी रणनीतियों का अहम हिस्सा बन गयी है और वित्तीय-सशक्तीकरण मॉडल राजनीतिक जीत में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

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