नई दिल्ली - चीन और अमेरिका के बीच AI को लेकर टक्कर चल रही है। इस टक्कर के बीच भारत ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का फैसला किया है। केंद्र मंत्री अश्विनी वैश्नव ने 30 जनवरी को एसका ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले 10 महीनों के अंदर भारत अपना खुद का AI मॉडल लॉन्च करेगा।
अश्विनी वैश्नव ने बताया कि यह मॉडल भारतीय संदर्भ के मुताबिक बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 18,000 GPUs का विशाल कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है। उन्होंने आगे कहा कि यह इंफ्रास्ट्रक्चर देश के स्टार्टअप्स और रिसर्चर्स को भी उपलब्ध कराया जाएगा।
AI के बाजार में भारत दर्ज करने जा रहा है अपनी मौजूदगी
Deepseek का Open AI जैसे बड़े प्लेअफॉर्म के सामने ऐसे उभरना दिखाता है कि AI की दुनिया में नए खिलाड़ी भी जगह बना सकते हैं। भारत भी AI की दुनिया में शामिल होने जा रहा है। IT मंत्री ने कहा कि भारत एक ऐसे माॅडल पर काम कर रहा है जो भारतीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए काम कर सके। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय भाषाओं और डेटा के आधार पर बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
क्या है GPU ?
GPU (Graphics Processing Unit) बड़े और कठीन भाषा मॉडल को ट्रेन करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। यह मुख्य रूप से AI प्रोसेसिंग के लिए डिजाइन किए गए होते हैं। यह सामान्य GPU की तुलना में कहीं अधिक तेज और कुशल होते हैं।
AI मॉडल को विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर कंप्यूटिंग पावर की जरूरत होती है। आपको बता दें कि DeepSeek AI को 2,000 GPUs से ट्रेन किया गया है। वहीं दूसरी तरफ ChatGPT को 25,000 GPUs का इस्तेमाल करके बनाया गया है। भारत के पास इस वक्त 15,000 हाई-एंड GPUs हैं और 18,000 GPUs की एक नई कंप्यूट फैसिलिटी भी तैयार की जा रही है।
AI देश की क्षमताओं को अधिक सशक्त बनाएगा - वैश्नव
भारत सरकार द्वारा AI मिशन को मंजूरी पिछले साल मार्च में मिली थी। इस मिशन के तहत कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने का काम किया जाएगा। सरकार का यह मानना है कि भारतीय AI मॉडल दुनिया में अपनी खास पहचान बनाएगा और यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। अश्विनी वैश्नव ने कहा कि भारत का AI देश की क्षमताओं को अधिक सशक्त बनाएगा।